लोकतंत्र ने की लहरों की सवारी
उदयपुर, 26 अप्रैल (हि.स.)। जी हां आपने सही सुना। आप जो देख रहे हैं वह एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे प
लोकतंत्र ने की लहरों की सवारी


उदयपुर, 26 अप्रैल (हि.स.)। जी हां आपने सही सुना। आप जो देख रहे हैं वह एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है जो राजस्थान के सलूंबर जिले मैं स्थित है। इस झील के किनारे और इसके टापू पर गांव बसे हैं। इन गांव वालों को वोट देने के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है और इसके लिए वे नाव में सवार होकर जाते हैं। ग्रामीण कहते हैं कि वोट देना हमारा कर्तव्य है जिसे हम जिम्मेदारीपूर्वक निभाते हैं और नावें भी इनके पास स्वयं की हैं।

टापू पर बसे गांवों के लोग सरपंच, प्रधान, विधायक और सांसद के चुनाव को लेकर लकड़ी की चप्पू वाली नौका में सवार होकर मतदान केंद्रों पर पहुंचकर सरकार को चुनते हैं। इस बार भी मतदान दिवस पर शुक्रवार को अलसुबह से कई मतदाता नाव में सवार होकर अपने मत का उपयोग कर रहें हैं।

बता दें कि झील में करीब 8 टापू हैं। कई टापुओं में तो लोग रियासत काल से निवास कर रहे हैं। भटवाड़ा, बाबा मंगरा, बीड़ा, मिंदोड़ा मंगरा, भागल मंगरी, मुडिया खेत टापू क्षेत्र की गामड़ी ग्राम पंचायत और पायरी व भैंसों का नामला टापू यहां की मैथूड़ी ग्राम पंचायत में स्थित हैं। इन टापुओं में करीब 405 मतदाता हैं, जिनमे पुरुष 220 और महिलाएं 185 हैं। सबसे खास बात यह है कि भटवाड़ा टापू में एक ही परिवार निवास करता है, जहां दो महिला और दो पुरुष मतदाता हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनीता/संदीप