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शिवसागर (असम), 17 अप्रैल (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि उन्हें भले ही नमाज पढ़ने नहीं आता हो, लेकिन असम के खिलंजिया (स्थानीय) मुसलमानों को उन्होंने विदेशी की श्रेणी से निकलकर खिलंजिया की संज्ञा देने का साहस किया है। उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति करती रही। असमिया मुसलमानों को विदेशी मुसलमान की श्रेणी में लाकर खड़ा किया जाता रहा। स्थानीय मुसलमान डी वोटर की श्रेणी में आते रहे। उनकी अलग से कभी पहचान बनाने की कोशिश नहीं की गई। लेकिन, आज उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) असमिया मुसलमानों को विदेशी की श्रेणी से निकलकर खिलंजिया की श्रेणी में लाकर खड़ा किया है।
मुख्यमंत्री पहले चरण के मतदान के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन आज जोरहाट के भाजपा प्रत्याशी तपन गोगोई के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि गौरव गोगोई ने आज तक कलियाबर के लिए क्या किया। उन्होंने कहा कि जिसने कलियाबर का सांसद रहते हुए वहां के लिए कुछ नहीं किया, वह जोरहाट के लिए क्या कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसद तपन गोगोई ने क्षेत्र के विकास तथा आम लोगों की भलाई के लिए दिन-रात कार्य किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार के दिनों में किए गए कई कार्यो की चर्चा की।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद