यूपीएससी परीक्षा में गढ़वा डीसी की पुत्री को 89वां रैंक, तीसरे प्रयास में सफलता
पलामू, 16 अप्रैल (हि.स.)।पलामू प्रमंडल अंतर्गत गढ़वा के उपायुक्त शेखर जमुआर की बेटी साक्षी जमुआर ने य
अपनी बेटी की सफलता पर उसको मिठाई खिलाते डीसी शेखर जमुआर और उनकी पत्नी


पलामू, 16 अप्रैल (हि.स.)।पलामू प्रमंडल अंतर्गत गढ़वा के उपायुक्त शेखर जमुआर की बेटी साक्षी जमुआर ने यूपीएससी परीक्षा में 89वां रैंक हासिल किया है। साक्षी जमुआर (24) का यह तीसरा प्रयास था। वह साल 2021 से लगातार यूपीएससी की परीक्षा दे रही थी। पिछली दो परीक्षाओं में उसे असफलता प्राप्त हुई थी, लेकिन अपने तीसरे प्रयास में उसने ऑल ओवर इंडिया 89वां रैंक प्राप्त किया है। साक्षी गढ़वा में ही उपायुक्त आवास पर अपने माता-पिता के साथ रहती है।

यूपीएससी के रिजल्ट की घोषणा होने के बाद उपायुक्त शेखर जमुआर एवं साक्षी जमुआर को बधाई देनेवालों का तांता लग गया। गढ़वा के प्रशासनिक पदाधिकारियों, कर्मियों एवं अन्य चाहनेवालों ने उपायुक्त को फोन कर एवं मिलकर उनके पुत्री की इस सफलता के लिये उन्हें बधाई दी।

बीपीएससी में भी प्राप्त किया था 48वां स्थान

साक्षी ने बताया कि उसकी प्राथमिक शिक्षा डीपीएस रांची में हुई है। इसके बाद उसने डीबीएम श्यामली से हृयूमनिटी विषय से 12वीं तक की पढ़ायी की। इसके बाद उसने साल 2021 में एनएलयू रांची से लॉ पूरा किया है। साक्षी ने बीपीएससी में भी सफलता प्राप्त की है। इसी साल जनवरी में आये रिजल्ट में उसे 48वां रैंक प्राप्त हुआ है और प्रोबेशनल ऑफिसर के रूप में उसे जेल में ज्वाईन करने को कहा गया है, लेकिन उसने यूपीएससी का रिजल्ट आने तक इसे ज्वाईन नहीं करने का फैसला लिया था। यदि साक्षी को यूपीएससी में सफलता नहीं मिलती तो वह इसे ज्वाईन कर लेती। साक्षी का एक बड़ा भाई भी है, जो डेटा साईंस से आईआईटी कर रहा है।

10वीं में ही लक्ष्य तय कर लिया था, जुट गयी थी तैयारी में: साक्षी जमुआर

अपनी सफलता के बारे में साक्षी जमुआर ने बताया कि जब वह 10वीं में थी, तभी उसने यह निर्णय कर लिया था कि उसे यूपीएससी की तैयारी करनी है। वह तभी इस लक्ष्य को तय कर तैयारी करने में लग गयी थी। उसने कहा कि वह प्रतिदिन चार से पांच घंटे तक पढ़ाई करती थी। परीक्षा के दिनों में पढ़ायी के घंटे 10 से 12 हो जाते थे। उसने कहा कि जो भी विद्यार्थी यूपीएससी की तैयारी में लगे हुये हैं, वे सिलेबस को अच्छी तरह से परख लें, उसके अलावे दायें-बायें नहीं देखें। इसके अलावे प्रैक्टिस पर ध्यान दें। उसने बताया कि यूपीएससी की परीक्षा के लिये उसने ऑनलाईन पढ़ाई कर तैयारी की है। उसे बैडमिंटन खेलना, पेंटिंग बनाना एवं डायरी लिखने का शौख है। उसने बताया कि वह अधिकारी बनकर ग्रास रूट पर काम करना पसंद करेगी।

गढ़वा मेरे लिये काफी लक्की साबित हुआ: शेखर जमुआर

अपनी पुत्री की सफलता पर उपायुक्त शेखर जमुआर ने बताया कि किसी भी मां-बाप के लिये इससे ज्यादा बड़ी खुशी की बात दूसरी नहीं हो सकती है। जब बच्चे सफलता प्राप्त करते हैं, तो मां-बाप को खुशी होती ही है। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत के अलावे किस्मत भी उनकी पुत्री के साथ है। उन्होंने कहा कि साक्षी गढ़वा की बेटी है। गढ़वा उनके लिये काफी लक्की साबित हुआ है। इसे वे कभी भूल नहीं पायेंगे। उन्होंने कहा कि गढ़वा से पहले भी कई लोग आईएएस-आईपीएस बने हैं, आगे भी यहां के लोग सफलता को चूमें, वे यही कामना करते हैं।

खुशी को व्यक्त नहीं किया जा सकता: रीना जमुआर

साक्षी की मां रीना जमुआर हाउस वाईफ हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पुत्री ने मेहनत की और उसके अंदर लक्ष्य को प्राप्त करने का कैलिवर था, इसलिये वह यहां तक पहुंच सकी। उसे कितनी खुशी हुई है, वह इसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप