गुड फ्राइडे : चर्चों में क्राॅस को चूमकर प्रभु यीशु के बलिदान को किया गया याद
- शोक में मसीह समाज के लोगों ने चर्चों में घंटा की जगह बजाये लकड़ी के खटखटे कानपुर, 29 मार्च (हि.
गुड फ्राइडे : चर्चों में क्रास को चूमकर प्रभु यीशु के बलिदान को किया गया याद


- शोक में मसीह समाज के लोगों ने चर्चों में घंटा की जगह बजाये लकड़ी के खटखटे

कानपुर, 29 मार्च (हि.स.)। प्रभु यीशु के बलिदान दिवस (गुड फ्राइडे) को मसीह समाज के लोगों ने शोक दिवस के रूप में मनाया। लोगों ने चर्चों में जाकर क्राॅस को चूमकर प्रभु यीशु के बलिदान दिवस काे याद किया। इसके साथ ही चर्चों में घंटा की जगह लकड़ी के खटखटे बजाये गये।

द गुड शेफर्ड चर्च इन इंडिया गूबा गार्डेन कल्याणपुर में शुक्रवार को मसीह समाज के लोग उपस्थित हुए और प्रभु यीशु मसीह के बलिदान को याद किया। कार्यक्रम का आरंभ 'ए खुदाबन्दे खुदा हाकिम' नामक गीत से किया गया। बिशप पंकज राज मलिक ने उपस्थित लोगों को बताया कि किस प्रकार समस्त मानव जाति के पापों के कारण ही प्रभु यीशु मसीह को क्रूस पर अपने प्राणों का बलिदान देना पड़ा। इसके उपरांत सात पादरियों ने क्रूस पर से प्रभु यीशु मसीह के द्वारा कही गई सात वाणियों पर प्रकाश डाला।

इस दौरान पैराडाइस एंजेल बैंड के मधुर गीत संगीत जैसे मैं आजाद हूं, तू मेरी चट्टान गीतों को सुनकर सब आत्मविभोर हो गये। इसी तरह अन्य चर्चों व गिरिजाघरों में शोक दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान अनुपमा मलिक, पादरी सत्येन्द्र श्रीवास्तव, सागर मैसी, अनुराज, अभिमन्यु, श्रेयराज, सौरभ, राज, रिक्की, अमन एल्विन, मनीष लौरेंस आदि मौजूद रहें।

यह है सात वाणियां

पादरी सत्येन्द्र ने बताया कि प्रभु यीशु की सात वाणियां इस प्रकार हैं। हे पिता इन्हें क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं। तू आज ही मेरे साथ स्वर्गलोक में होगा। हे नारी देख यह तेरा पुत्र है। एलीएली लमा शबक्तनी है, हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर तूने मुझे क्यों छोड़ दिया। मैं प्यासा हूं। पूरा हुआ और हे पिता मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं।

एक नजर में गुड फ्राइडे

गुड फ्राइडे का दिन ईसाई धर्म के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन को शोक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। ईसाई धर्म से जुड़ी मान्यताओं के मुताबिक आज ही के दिन प्रभु यीशु को सूली पर लटकाया गया था, इसलिए इसे ब्लैक फ्राइडे भी कहा जाता है। हालांकि मौत के दो दिन बाद यानी रविवार को प्रभु यीशू फिर से जीवित हो गए थे,जिसे ईस्टर के रूप में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर शोक जताते हैं। इसके अलावा इस दिन चर्च में विशेष प्रार्थना भी की जाती है और लोग प्रभु से अपने गुनाहों की क्षमा मांगते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/दीपक/सियाराम