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रांची, 28 मार्च (हि.स.)। सीसीएल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए निर्धारित कोयला उत्पादन का लक्ष्य 84 मिलियन टन चार दिन शेष रहते प्राप्त किया। 84 मिलियन टन अभी तक का सबसे अधिक उत्पादन लक्ष्य था। सीसीएल के अधिकतर क्षेत्रों ने समय से पहले ही अपना उत्पादन लक्ष्य प्राप्त किया है।
भारत सरकार, राज्य सरकार, कोल इंडिया लिमिटेड, सहयोगी कंपनियों, स्थानीय प्रशासन तथा हित धारकों के सराहनीय मदद से उसने समय से पहले अपना उत्पादन लक्ष्य प्राप्त किया है।
इस संबंध में सीसीएल के सीएमडी, निदेशकगण, मुख्यालय के विभागाध्यक्षों एवं क्षेत्रों के महाप्रबन्धकों को लेकर एक टीम बनाई गयी थी, जो लगातार उत्पादन प्रक्रिया का मॉनिटरिंग एवं सहयोग कर रही थी। यह टीम क्षेत्रों में जाकर कामगारों के उत्साह वर्धन कर रही थी ताकि सीसीएल के सभी अधिकारी एवं कर्मी एक टीम भावना के तहत कार्य करें जिसके फलस्वरूप सीसीएल ने समय से पहले ही अपना उत्पादन लक्ष्य प्राप्त कर लिया।
सीसीएल झारखंड के आठ जिलों- रांची, रामगढ़, हज़ारीबाग़, चतरा, बोकारो, गिरिडीह, पलामू और लातेहार में खनन गतिविधियां संचालित कर रहा है। सीसीएल द्वारा कोयले की आपूर्ति उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों सहित देश के विभिन्न ताप विद्युत संयंत्रों को की जा रही है।
सीसीएल अपने कमान क्षेत्रों एवं आस-पास के हित धारकों के समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है तथा सीसीएल द्वारा अनेकों जन कल्याणकारी योजनाएं परिचालित की जाती हैं। इन योजनाओं का लाभ सीसीएल का कमान क्षेत्रों एवं आसपास के लोगों को मिलता है। सीसीएल प्रतिदिन श्रमिक दिवस एवं प्रत्येक शुक्रवार एवं मंगलवार को कोयला उत्पादन दिवस मना रहा है।
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर सीसीएल के सीएमडी डॉ बी. वीरा रेड्डी सहित सभी निदेशक ने पूरे सीसीएल परिवार को हार्दिक बधाई दी और कहा कि सभी बाधाओं को पार कर इस कठिन कार्य को करने में पूरे सीसीएल परिवार का सराहनीय योगदान है और आगे भी टीम सीसीएल इसी तरह नए नए कीर्तिमान स्थापित करती रहेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / वंदना/प्रभात