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जयपुर, 7 नवंबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के 23 हजार खान लाइसेंसों के नियमित संचालन व इनमें काम करने वाले 15 लाख लोगों की नौकरियां बचाने वाली राज्य सरकार की सिविल अपील पर शुक्रवार को तय की है। मामले की तात्कालिक सुनवाई के लिए गुरुवार को एएसजी ऐश्वर्या भाटी व एएजी शिवमंगल शर्मा ने सीजेआई के समक्ष आग्रह किया। जिस पर उन्होंने मामले की सुनवाई शुक्रवार को तय की।
दरअसल अपील में अपील में एनजीटी के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खनन लाइसेंस धारकों को 7 नवंबर तक राज्य पर्यावरणीय प्राधिकरण से भी पर्यावरणीय मंजूरी के पुन: मूल्यांकन की आवश्यकता बताई गई है। अपील में कहा कि राज्य सरकार को एमओईएफ की ओर से दिए गए पुन: परीक्षण के विस्तार व निर्देशों की पालना के लिए 12 महीने के समय की जरूरत है। ऐसे में राज्य की खानों के तत्काल बंद होने से ना केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी, बल्कि लाखों लोगों की नौकरियां भी प्रभावित होंगी। खानें बंद होने से प्रदेश में निर्माण गतिविधियां रुकेगी और निर्माण सामग्री की कीमतों में भी बढ़ोतरी होगी। इसलिए एनजीटी के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक