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नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने संसद में पेश वित्त वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण को अगामी केंद्रीय बजट का एक सकारात्मक संकेत बताया है। कारोबारी संगठन ने आर्थिक सर्वेक्षण में देश की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष के सात फीसदी की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 फीसदी रहने के अनुमान को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की उम्मीद मजबूत बुनियादी सिद्धांतों के आधार पर भारत में मजबूत विकास का दृढ़ संकेत बताया। कैट ने कहा कि चालू खाता घाटे का बढ़ना चिंता का कारण है, लेकिन अगामी केंद्रीय बजट में इसको कम करने के लिए सार्थक एवं उपयुक्त उपाय की उम्मीद भी है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण से ऐसा लगता है कि एक फरवरी को प्रस्तुत होने वाले केंद्रीय बजट में व्यापार एवं उद्योग के लिए अनेक समर्थन नीतियों का समावेश होगा। भारतीय अर्थव्यवस्था की कोरोना महामारी से रिकवरी प्रशंसनीय है। घरेलू मांग में वृद्धि और पूंजीगत व्यय में बढ़ोतरी ने अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि करने में सहायता प्रदान की है, जो अन्य देशों की तुलना में बहुत अच्छी है। दुनियाभर में आर्थिक वृद्धि दर की धीमी गति निश्चित तौर पर वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में भारत के निर्यात को प्रभावित किया है।
कैट महामंत्री ने कहा कि जब दुनिया के अधिकांश देश वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे समय में इस बात की सराहना करने की जरूरत है कि केंद्र सरकार ने समय-समय पर आवश्यक कदम उठाते हुए वित्तीय तरलता को बनाए रखा है, जिसकी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है। आर्थिक सर्वेक्षण में उधार लेने का अनुमान है, जो व्यापार और उद्योग के लिए चिंता का कारण है। शहरी रोजगार दर में गिरावट आई है, लेकिन कर्मचारी भविष्य निधि पंजीकरण में वृद्धि हुई है, जो संतोषजनक है। खंडेलवाल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय में 63 फीसदी की वृद्धि ने व्यापार में विकास और बाजार में मुद्रा तरलता को बढ़ाने में मदद की है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर