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रायपुर/धमतरी, 15 सितंबर (हि.स.)।छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों से हो रही अच्छी बारिश के चलते धमतरी जिले के चारों जलाशयों में जलभराव की स्थिति में काफी सुधार आया है। जलाशयों के कैचमेंट एरिया में भी लगातार बारिश होने से बांधों में पानी की आवक मजबूत हुई है।जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के बांधों में आज की स्थिति में 55.60 प्रतिशत औसतन जलभराव है।
इनमें रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में 56.20 प्रतिशत, बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव मुरूमसिल्ली जलाशय में 73 प्रतिशत, दुधावा में 39 प्रतिशत तथा सोंढूर जलाशय में 54.15 प्रतिशत जलभराव है। इस संबंध में बताया गया है कि आज दोपहर 12 बजे की स्थिति में गंगरेल जलाशय में 23127 क्यूसेक पानी, मुरूमसिल्ली में 5833, दुधावा में 3442 तथा सोंढूर जलाशय में 2458 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई थी।
गरियाबंद जिले में मूसलाधार बारिश से अलग-अलग जगहों से फंसे आठ लोगों को रेस्क्यू कर निकाल लिया गया है, घरों में पानी घुसने से प्रभावित लोगों को पंचायतों में सुरक्षित रखने की व्यवस्था की जा रही है।जिला प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में जनधन की हानि का रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सिकासेर बांध के 17 गेट खोले गए हैं। बांध में 20669 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। मंगलवार दोपहर की स्थिति में 22 गेट में से 17 गेट को 3-3 फीट तक खोला गया है। बांध में जलभराव की स्थिति लगभग 90 प्रतिशत तक हो गई है । तटीय इलाकों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है, जिले में लगातार तीन दिन से हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है, बीती रात और आज सुबह हुई तेज बारिश से जिले के सबसे बड़ी पैरी नदी और अंचल की छोटे नदी नाले उफान पर है ।
बस्तर संभाग के 5 जिलों के लिए मौसम विभाग ने मंगलवार की शाम अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले 24 घंटों में संभाग के कांकेर, दंतेवाड़ा, बस्तर, सुकमा व बीजापुर में बादलों की तेज गड़गड़ाहट के साथ तेज झमाझम बारिश हो सकती है। एक-दो स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग की माने तो कांकेर जिले में सबसे अधिक बारिश होगी।
मौसम वैज्ञानिक एपी चंद्रा ने बताया कि, एक गहरा अवदाब उत्तर छत्तीसगढ़ और उससे लगे हुए उत्तरी अंदरूनी ओडिशा के ऊपर स्थित है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में लगातार आगे बढ़ते हुए अगले 48 घंटे में उत्तर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश को पार करते हुए कमजोर होने के बाद एक चिन्हित निम्न दाब के क्षेत्र के रूप में परिवर्तित होने की संभावना है।
हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा