घंटों हुई हल्की बारिश, खरीफ फसल के लिए बना संजीवनी
धमतरी, 28 जुलाई ( हि. स.)।सुबह से शाम तक अंचल में घंटों फौव्वारेदार व हल्की बारिश हुई। सावन माह के इ
धमतरी, 28 जुलाई ( हि. स.)।सुबह से शाम तक अंचल में घंटों फौव्वारेदार व हल्की बारिश हुई। सावन माह के इस झड़ी वाले मौसम से भले ही जनजीवन प्रभावित हुआ, लेकिन यह बारिश किसानों के खरीफ धान फसल के लिए संजीवनी के समान है। इस बारिश से अब खेती-किसानी के कार्याें में तेजी आएगी। वहीं शहर के कपड़ा दुकानों में बरसाती आयटमों की मांग बढ़ी। मंगलवार सुबह से देर शाम तक अंचल में हल्की बारिश का दौर जारी रहा। इस बारिश से जनजीवन प्रभावित रहा। पिछले कई घंटों से हो रही बारिश से वातावरण खुशनुमा रहा। किसान कामदेव साहू, संतोष राम, हीरासिंह, राजू साहू ने बताया कि सावन माह के पहले सप्ताह में हो रही हल्की बारिश किसानों के धान फसल के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। इस बारिश से धान के पौधे तेजी से बढ़ेगा। किसान बोता व लेही पद्धति से लगाए खेतों पर खाद का छिड़काव करेंगे। वहीं अब निदाई भी जोर पकड़ेगा। आषाढ़ माह में बोनी नहीं करने वाले किसान अपने खेतों में बोता व लेही के लिए बीज का छिड़काव करेंगे। रोपाई के कार्यों में भी तेजी आएगी। घंटों हुई इस बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए है। इस साल 177 मिमी औसत वर्षा कम-भू अभिलेख शाखा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में एक जून से अब तक 423 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। भखारा तहसील में सबसे अधिक 562 मिमी और नगरी तहसील में सबसे कम 306 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। पिछले साल की तलुना में इस साल कम बारिश हुई है। वर्ष 2020 में 28 जुलाई तक जिले में 600 मिमी औसत वर्षा हुई थी। इस साल 177 मिमी औसत वर्षा कम हुई है। धमतरी जिले में खरीफ खेती-किसानी सिर्फ 60 प्रतिशत हुआ है। बोता 66 प्रतिशत, रोपा 51 प्रतिशत और लेही 35 प्रतिशत है। कृषि उपसंचालक जीएस कौशल ने बताया कि इस बारिश से खेती-किसानी में तेजी जाएगी। धान फसल के लिए यह बारिश संजीवनी है। गंगरेल बांध में आधे से कम पानी-धमतरी जिले के सबसे बड़े गंगरेल बांध पर वर्तमान में सिर्फ साढ़े 15 टीएमसी जलभराव है। इसमें साढ़े 10 टीएमसी उपयोगी जल है। जबकि हर रोज गंगरेल बांध से 400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है जबकि बांध में सिर्फ 175 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। इसी तरह मुरूमसिल्ली में जलभराव ढाई टीएमसी है। दुधावा बांध में दो टीएमसी और सोंढूर बांध में तीन टीएमसी से अधिक जल भराव है। कम बारिश के कारण इस साल जिले के सभी बांधों में जलभराव की स्थिति काफी कमजोर है। बांधों की सेहत सुधरने के लिए अब झमाझम बारिश का इंतजार है। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा