औरैया में परंपरागत खेती छोड़ स्ट्रॉबेरी की पैदावार कर किसान हो रहे मालामाल
- किसानों के लिए स्ट्रॉबेरी की फसल बनी प्ररेणा, आय दोगुनी करने के साथ रोजगार भी करा रही उपलब्ध औरैय
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- किसानों के लिए स्ट्रॉबेरी की फसल बनी प्ररेणा, आय दोगुनी करने के साथ रोजगार भी करा रही उपलब्ध

औरैया, 02 मार्च (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है कि आत्मनिर्भर देश बने और किसानों की आय दोगुनी हो। इसी सपने को साकार करने को लेकर उप्र केे औरैया जिले में एक किसान ने ऐसी ही मिसाल पेश की है जो काबिल-ए-तारीफ हैँ किसानों के लिए प्रेरणास्रोत है और उनकी आय दोगुनी करने वाली है।

प्रधानमंत्री की बात को किसान द्वारा पूरी तरह से अपनाकर खेती के माध्यम से उसने अपनी आय दोगुनी करने का काम किया है। औरैया के एक किसान ने महाराष्ट्र की मशहूर स्ट्राबेरी की खेती को शुरू की। महज छह महीने में एक एकड़ जमीन पर करीब पांच लाख की लागत से किसान ने अब तक 12 लाख रुपये प्रॉफिट ही नहीं कमाया, बल्कि लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराया। जनपद में पहली बार हुई स्ट्रॉबेरी की खेती को देखने के लिए जनपद के ही नहीं बल्कि आस पास के जिलों से किसान व अन्य लोग भी आ रहे हैं और प्रेरणा ले रहे हैं। खुद जिलाधिकारी किसान की इस खेती को देखने के लिए गांव पहुंचे और किसान का हौसला बढ़ाया। उन्होंने किसान से अन्य लोगों को भी प्रशिक्षण देने के साथ साथ शासन से प्रोत्साहित करने की बात कही।

प्रधानमंत्री के मन की बात से देश के युवा ही नहीं बल्कि किसान भी अब आत्मनिर्भर बनता दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों की आय दोगुनी होने की बात कहते हैं और कई बार उन किसानों का नाम जिले के साथ लेते हैं जिन्होंने खेती कर अलग से मुकाम हासिल किया है।

औरैया जिले में भी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से एक किसान ने अपनी परंपरागत खेती को छोड़कर कम लागत लगाकर स्ट्रॉबेरी की खेती की। उस खेती से किसान ने अब तक दस गुना मुनाफा कमा लिया है। इतना ही नहीं किसान खेती के साथ-साथ गांव के करीब 15 लोगों को रोजगार भी दे रहा है। वह फसल को किसान को बेचने नहीं जाता बल्कि मंडी से आढ़ती स्ट्रॉबेरी को खरीदने आते हैं। इस खेती को महाराष्ट्र के ठंडे स्थान पर किया है। किसान ने बताया कि छह महीने में यह खेती पूरी तरीके से तैयार हो जाती है।

किसान संजीव ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया हर दिन 35 हजार रुपये की स्ट्राबेरी बेची जाती है और नकद रुपये मिलता है। बताया कि सरकार की तरफ से एक बोर लगाया गया है जिसमें 90 प्रतिशत की सब्सिडी मिली है। आज देश में न जाने कितने युवा नौकरी को छोड़कर अपना खुद का रोजगार कर लाखों रुपये महीने के कमा रहे हैं।

जिले के भाग्यनगर ब्लाक के ग्राम रानीपुर के रहने वाले किसान राम गोविंद शुक्ला ने भी परंपरागत फसलों को छोड़ नई तरह से खेती शुरू की है। उन्होंने अपने खेतों में स्ट्रॉबेरी की फसल पैदा करके जनपद भर में धूम मचा दी है। इस फसल की पैदावार से उन्होंने लाखों की कमाई भी की है। किसान राम गोविंद शुक्ला को अब गांव ही नहीं बल्कि जनपद भर में जान-पहचान मिली है।

स्ट्रॉबेरी की फसल पैदा कर किसान राम गोविंद शुक्ला ने न सिर्फ एक अलग हटकर खेती में नया मुकाम बनाया है, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत साबित हो रहे हैं। किसान राम गोविंद शुक्ला के अनुसार, इस फसल की पैदावार के लिए उन्होंने अपने दो बीघे जमीन का इस्तेमाल किया है। सितंबर माह में स्ट्रॉबेरी फसल की पौध की बेले बाहर से लाकर उन्होंने यहां पर लगाई। पाइप लाइन से बराबर पानी और दवा का छिड़काव करते रहें। वर्तमान समय में प्रतिदिन 1.30 से दो कुंतल की पैदावार स्ट्रॉबेरी की हो रही है। इस स्ट्रॉबेरी को डिब्बों में पैक करके कानपुर नगर के चकरपुर मंडी में भेजते हैं। जहां पर उसकी उन्हें अच्छी लागत मिल जाती है।

बताया कि एक किलो स्ट्रॉबेरी का उन्हें मार्केट प्राइस 300 रुपये प्रति किलो मिल जाता है। इस पैदावार से उन्होंने अपने साथ-साथ लगभग 10 लोगों को भी रोजगार दिया है। किसान ने बताया कि वह अब तक 60 क्विंटल स्ट्रॉबेरी लगभग साढ़े नौ लाख रुपये में बेच चुके हैं। रोजाना वह कानपुर की चकरपुर मंडी में स्ट्रॉबेरी बेच करके अपना व्यापार कर रहे हैं।

जिलाधिकारी औरैया प्रकाश चंद श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रकार की फसल के लिए उद्यान विभाग के द्वारा व अन्य मदों से लगभग 90 फीसदी भुगतान किया जाता है। जिलाधिकारी ने अन्य किसानों से भी इस प्रकार की फसलों को करने की बात कही है।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील कुमार