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नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (हि.स.)। सिंघू बार्डर पर किसानों के विरोध स्थल पर एक युवक की निर्मम हत्या की घटना के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की गई है कि उस याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए, जिसमें दिल्ली के बार्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग की गई है।
याचिका स्वाति गोयल और संजीव नेवार ने दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने राज्यों में सभी प्रकार के विरोध प्रदर्शनों को रोकने और कोरोना महामारी खत्म होने तक उन्हें अनुमति नहीं देने के लिए दिशा-निर्देश जारी करे। याचिका में कहा गया है कि किसानों का विरोध प्रदर्शन करने का तरीका गैरकानूनी है और उसमें मानवता विरोधी कार्य भी हो रहे हैं। ऐसे में विरोध प्रदर्शन को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।
वकील शशांक शेखर झा के जरिये दायर याचिका में कहा गया है कि भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार जीवन के अधिकार का अतिक्रमण नहीं कर सकता है और अगर इस तरह से विरोध जारी रखा गया तो बड़े पैमाने पर देश को नुकसान होगा। इसमें शामिल प्रदर्शनकारी न केवल अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं बल्कि देश के लाखों लोगों की भी जान जोखिम में डाल रहे हैं। सार्वजनिक स्थलों पर लंबे समय तक विरोध न केवल सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का स्पष्ट उल्लंघन है बल्कि दूसरे लोगों के अधिकारों का भी उल्लंघन है, जो इन विरोध प्रदर्शनों से प्रभावित हो रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ संजय