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- किसानों को बाढ़ के कारण खेतों में जमा रेत बेचने की अनुमति, पंजाब सरकार ने बदली माइनिंग पॉलिसी
चंडीगढ़, 08 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे से एक दिन पहले मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। सोमवार को सरकार ने खनन पॉलिसी में बदलाव करते हुए ‘जिसका खेत, उसकी रेत’ की नीति को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत किसानों को बाढ़ के कारण खेतों में जमा रेत और मिट्टी निकालने के साथ-साथ इसे बेचने की भी छूट दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आज उनके सरकारी आवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान कई अहम फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री ने इस बैठक में मोहाली के फोर्टिस अस्पताल से वर्चुअल रूप से भाग लिया, जहां वे इलाज के लिए भर्ती हैं। बाढ़ के कारण जिन खेतों में रेत और मिट्टी जमा हो चुकी है, उनके किसानों को बड़ी राहत देने के लिए फैसला लिया गया कि किसानों को अपने खेतों में जमा रेत और मिट्टी निकालने की अनुमति दी जाएगी और यदि वे चाहें तो इसे बेच भी सकेंगे। ‘जिसका खेत, उसकी रेत’ नीति के तहत सभी बाढ़ प्रभावित गांवों में किसानों को इस साल 31 दिसंबर तक बिना किसी परमिट के अपनी जमीन से रेत निकालने की अनुमति होगी।
फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मंत्रिमंडल ने फैसला किया कि पंजाब सरकार प्रति एकड़ 20 हजार रुपये का मुआवजा देगी, जो न केवल पंजाब में बल्कि पूरे देश में अब तक का सबसे अधिक मुआवजा है। गंभीर संकट में फंसे किसानों को उबारने के लिए राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है, ताकि किसानों को अत्यंत आवश्यक राहत दी जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा