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जयपुर, 8 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान मसालों के उत्पादन और व्यापार का प्रमुख केंद्र होने के साथ ही मसालों की समृद्ध परंपरा के लिए विश्व विख्यात है। उन्होंने कहा कि राज्य में मसाला कॉनक्लेव का आयोजन हमारे मसाला उद्योग को नई दिशा व गति प्रदान करेगा। शर्मा ने कार्यक्रम में घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में अब हर वर्ष मसाला कॉन्क्लेव आयोजित किया जाएगा। साथ ही, इस संबंध में समिति का गठन भी किया जाएगा, जिससे राज्य के मसाला उत्पादकों एवं व्यापारियों को नई संभावनाओं और नए अवसरों का सृजन करने के लिए एक वैश्विक मंच मिल सके।
शर्मा सोमवार को जयपुर के बिड़ला सभागार में आयोजित राजस्थान मसाला कॉन्क्लेव-2025 में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में मसाला प्रसंस्करण उद्योग की अपार संभावनाएं है। राजस्थान जीरा उत्पादन में देश में पहले, मैथी एवं सौंफ उत्पादन में दूसरे और धनिया एवं अजवाइन उत्पादन में तीसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फोर लोकल की अवधारणा मसाला उद्योग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र एवं राज्य की डबल इंजन सरकार विपणन व्यवस्था को मजबूत बनाने और कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण से किसानों की आय दोगुनी करने हेतु विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही हैं। शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा कॉमन इन्क्यूबेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं। राजस्थान में भी इस योजना के तहत आठ इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इन इन्क्यूबेंशन सेंटर में कृषि उपज की जांच, छंटाई, ग्रेडिंग, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज और ओडीओपी उपज के लिए प्रसंस्करण सुविधा मिल सकेगी, जिससे वे अपने प्रसंस्कृत उत्पादों को उचित मूल्य पर बाजार में बेच पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा किसानों के कल्याण एवं समृद्धि के लिए कई नीतियां लाई गई हैं। कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत राज्य में 1 हजार 497 कृषि आधारित औद्योगिक इकाइयों को लगभग 630 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। साथ ही, कृषि आधारित उद्योगों एवं प्रसंस्करण इकाइयों में राज्य में करीब 3 हजार 504 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। उन्होंने कहा कि राइजिंग राजस्थान समिट से कृषि प्रसंस्करण के क्षेत्र में राज्य में करीब 44 हजार करोड़ रुपये का निवेश होना प्रस्तावित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि प्रसंस्करण एवं आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने और निवेशकों के प्रोत्साहन हेतु अगले साल की शुरुआत में ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट का आयोजन किया जाएगा।
शर्मा ने कहा कि हमारी डबल इंजन सरकार ने कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के मसालों को विशिष्ट वैश्विक पहचान दिलाने के लिए प्रमुख मसालों एवं अन्य कृषि उत्पादों को जीआई टैग दिलवाया जा रहा है। जीआई टैग मिलने से उत्पादकों और प्रसंस्करणकर्ताओं को मूल्य संवर्धन का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि एफपीओ को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए राज्य की एफपीओ पॉलिसी भी तैयार की जा रही है। साथ ही, अब तक राज्य में 913 कृषक उत्पादक संगठनों का पंजीकरण किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रसंस्करणकर्ताओं को एक ही स्थान पर प्रसंस्करण सें संबंधित सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों के 39 स्थानों पर फूड पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही, मंडी यार्ड में विकास कार्य और किसानों को मंडी यार्डों तक अपनी उपज लाने की सुविधा के लिए संपर्क सड़कों का निर्माण भी करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 148 लाख पात्र फसल बीमा पॉलिसी धारक किसानों को 3 हजार 912 करोड़ रुपये का फसल बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है तथा खरीफ 2025 में करीब 163 लाख फसल बीमा पॉलिसी सृजित हो चुकी है।
कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए कृतसंकल्पित होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों को खाद, बीज देने में कोई कमी नहीं छोडे़गी।
कार्यक्रम में हुए विभिन्न शिलान्यास एवं लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कृषि उपज मंडी समिति आंगणवा, जोधपुर और कृषि उपज मंडी यार्ड सोहेला, टोंक के इन्क्यूबेंशन सेंटर का वर्चुअल लोकार्पण किया। आंगणवा इन्क्यूबेंशन सेंटर में मसालों, दालों और सब्जियों के प्रसंस्करण के लिए दो प्रोसेसिंग लाइन, कोल्ड स्टोरेज और एक फूड टेस्टिंग लैब की स्थापना की गई है। साथ ही, सोहेला के इन्क्यूबेशन सेंटर में तेल मिल, सब्जियों एवं फलों की प्रसंस्करण इकाई और टमाटर एवं मिर्च की पल्प, सॉस इकाई एवं फूड टेस्टिंग लैब स्थापित की गई है। शर्मा ने सोनवा, टोंक के फूड पार्क का भी वर्चुअल लोकार्पण किया। शर्मा ने कार्यक्रम में नए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के पंजीयन प्रमाण पत्र तथा पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएम एफएमई) योजना के लाभान्वित कृषकों और उद्यमियों को अनुदान वितरित किया। उन्होंने मसालों से संबंधित विभिन्न योजनाओं के फोल्डर तथा श्रम सम्मान कार्ड का विमोचन तथा राज-स्पाइस ऐप का लोकार्पण किया। साथ ही, कृषि विपणन की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत लाभार्थियों को चैक वितरित किए। शर्मा ने मिशन जीवन सुरक्षा योजना में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को तथा मसाला प्रदर्शनी में चयनित तीन सर्वश्रेष्ठ स्टॉल को प्रशस्ति पत्र भी वितरित किए। शर्मा ने कार्यक्रम में 143 करोड़ 37 लाख रुपये के सड़क एवं मण्डी विकास निर्माण कार्यों का वर्चुअल शिलान्यास तथा 83 करोड़ 49 लाख रुपये के मण्डी विकास निर्माण कार्यों का वर्चुअल लोकार्पण भी किया।
इस दौरान मसाला प्रसंस्करण एवं निर्यात पर निर्मित डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन तथा स्टॉल पर मौजूद महिलाओं से बातचीत भी की। इस अवसर पर सहकारिता राज्य मंत्री गौतम कुमार दक, शासन सचिव कृषि राजन विशाल सहित बड़ी संख्या में कृषक, मसाला व्यापारी, कृषि विशेषज्ञ भी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश