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जयपुर, 7 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रतिबद्धता और चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशन में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो रहे नवाचार प्रदेश में सेहत की तस्वीर बदल रहे हैं। इन नवाचारों से न केवल आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं सुगमता से मिलने लगी हैं, बल्कि स्वास्थ्य के कई मानकों में राजस्थान राष्ट्रीय औसत से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। अत्याधुनिक तकनीक और नवाचारपूर्ण योजनाओं से ग्रामीण से लेकर शहरी और रेगिस्तानी इलाकों से लेकर आदिवासी अंचलों तक न केवल बीमारियों का इलाज हो रहा है, बल्कि स्वास्थ्य संवर्धन की ओर तेजी से कदम बढ़ रहे हैं। रामाश्रय वार्ड, मिशन मधुहारी, मिशन लीवर स्माइल, स्तनपान प्रबंधन इकाइयां, हीमोडायलिसिस वार्ड, मुख्यमंत्री आयुष्मान आदर्श ग्राम पंचायत योजना, स्वस्थ नारी चेतना अभियान, निरामय राजस्थान अभियान, मिशन ओबीलॉस सहित कई ऐसे नवाचार सफलतापूर्वक लागू किए गए हैं, जिनसे प्रदेश में सेहत की तस्वीर में सकारात्मक बदलाव आ रहा है।
निरामय राजस्थान अभियान
निरामय राजस्थान अभियान राजस्थान सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है जो प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को सुलभ, सस्ती, और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के साथ ही स्वास्थ्य संवर्धन की दिशा में जागरूक करने की ओर सशक्त कदम है। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से सुलभ बनाना, स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाना और चिकित्सा ढांचे को सुदृढ़ करना है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर 7 अप्रेल 2025 को इस अभियान की शुरूआत की थी। यह अभियान न केवल उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि निवारक स्वास्थ्य, जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देता हे। अभियान के तहत हर माह की एक थीम निर्धारित कर आमजन को स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। स्वच्छता, पौष्टिक व संतुलित आहार, श्री अन्न को बढ़ावा देना, रोगों की प्राथमिक स्तर पर स्क्रीनिंग, योग एवं व्यायाम को दिनचर्या का हिस्सा बनाने जैसे कदम इस अभियान के तहत उठाए जा रहे हैं।
टाइप-1 डायबिटीज के प्रबंधन के लिए मिशन मधुहारी
मिशन मधुहारी राजस्थान सरकार की एक अभिनव और संवेदनशील पहल है, जो मधुमेह (डायबिटीज), विशेष रूप से टाइप-1 डायबिटीज की रोकथाम, प्रबंधन और जागरूकता के लिए शुरू की गई है। मिशन मधुहारी का उद्देश्य मधुमेह से प्रभावित लोगों को न केवल बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना है, बल्कि जागरूकता, समय पर निदान और प्रभावी प्रबंधन के माध्यम से इस रोग के बोझ को कम करना भी है। यह अभियान विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में मधुमेह रोगियों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने पर केंद्रित है, ताकि एक स्वस्थ और सशक्त राजस्थान का निर्माण हो सके। इसके तहत टाइप-1 डायबिटीज के रोगियों को निःशुल्क इंसुलिन, ग्लूकोमीटर एवं ग्लूको स्ट्रिप प्रदान किए जाते हैं।
मिशन लीवर स्माइल
युवाओं में जंक फूड एवं खान-पान की आदतों के कारण होने वाली नॉन एल्कोहोलिक फेटीलीवर डिजीज की प्रिविलेंस रेट 9 से 32 प्रतिशत है। इसी को ध्यान में रखते हुए मिशन लीवर स्माइल कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य लीवर रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, समय पर स्क्रीनिंग और उपचार सुनिश्चित करना है। प्रदेश के 61 जिला अस्पतालों में लीवर स्माइल क्लिनिक स्थापित किए गए हैं। इन क्लिनिक्स के माध्यम से अब तक 32 हजार से अधिक व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई है। इनमें से करीब 1300 व्यक्तियों में फेटी लीवर डिजीज के लक्षण पाए गए।
स्तनपान प्रबंधन इकाइयां
’निरामय राजस्थान’ के उद्देश्य से मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। इसे देखते हुए प्रदेश में स्तनपान प्रबंधन इकाइयां स्थापित की गई हैं। इन इकाइयों का मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं को मां का दूध उपलब्ध कराना, स्तनपान से संबंधित समस्याओं का समाधान करना और माताओं को स्तनपान के लिए प्रशिक्षण व सहायता प्रदान करना है। प्रदेश में 29 ऐसी इकाइयों का शुभारंभ इस बात का प्रमाण है कि राजस्थान सरकार शिशु मृत्यु दर को कम करने और पोषण के स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हीमोडायलिसिस वार्ड
किडनी रोगों से पीड़ित मरीजों के लिए जीवन रक्षक सुविधा प्रदान करने हेतु जिला अस्पतालों में हीमोडायलिसिस वार्ड स्थापित किए गए हैं। ये वार्ड गुर्दे की विफलता से जूझ रहे मरीजों के लिए डायलिसिस जैसी महत्वपूर्ण चिकित्सा सेवा को सुलभ बना रहे हैं, विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में, जहां ऐसी सुविधाएं पहले सीमित थीं। यह पहल गंभीर रोगों के उपचार को सस्ता और सुलभ बनाकर जीवन बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आदर्श ग्राम पंचायत योजना
मुख्यमंत्री आयुष्मान आदर्श ग्राम पंचायत योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ कर आदर्श ग्राम पंचायतों का निर्माण करना है। इस योजना के तहत चयनित ग्राम पंचायतों को स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वच्छता और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से आदर्श बनाया जा रहा है। योजना के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में बेहतर चिकित्सा सुविधाएं जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व मोबाइल मेडिकल यूनिट स्थापित किए जा रहे हैं और स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। स्वच्छ पेयजल, स्वच्छता और पोषण जैसे क्षेत्रों में सुधार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि ग्रामीण समुदायों का समग्र विकास हो और स्वास्थ्य असमानताएं कम की जा सकें।
स्वस्थ नारी चेतना अभियान
राजस्थान में लगभग 28 हजार 700 एचआईवी संक्रमित महिलाएं हैं। इन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने की सम्भावना आम महिलाओं की तुलना में 6 गुना अधिक है। इन महिलाओं को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य में स्थापित समस्त 36 एआरटी सेन्टरों पर पदस्थापित चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग ऑफिसर एवं डाटा एन्ट्री ऑपरेटरों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण उपरांत 12 हजार 300 से अधिक एचआईवी संक्रमित महिलाओं की निःशुल्क सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग की गई है, जिसमें लगभग 1300 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण पाए जाने पर उनकी अग्रिम जांच की जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव