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जयपुर, 6 सितंबर (हि.स.)। दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों ने शनिवार को सबसे बड़ा पर्व अनन्त चतुर्दशी मनाया। इस मौके पर राजधानी सहित आसपास के दिगम्बर जैन मंदिरों में मण्डल पर चौबीस तीर्थंकरों की पूजा की गई। मंदिरों में सायंकाल जयकारों के बीच अनन्त चतुर्दशी एवं दशलक्षण समापन कलश हुए ।
साथ ही दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों के चल रहे दशलक्षण महापर्व में उत्तम ब्रह्मचर्य लक्षण मनाया। इसी के साथ दस दिवसीय दशलक्षण महापर्व का समापन हो गया। इस मौके पर मंदिर परिसर जयकारों से गुंजायमान हो उठे।
राजस्थान जैन युवा महासभा जयपुर के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि 250 से अधिक दिगम्बर जैन मंदिरों में श्रद्धालुओं ने निराहार रहकर उपवास किया।
प्रात: भगवान की पूजा-अर्चना के बाद बारहवें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया गया । पूजा के दौरान मोक्ष का प्रतीक निर्वाण लाडू चढाया गया।
विनोद जैन ने बताया की दोपहर में चौबीस तीर्थंकरो की मण्डल पर चौबीसी पूजा विधान से महार्चना की गई। सायकांल जयकारों के बीच श्री जी के अनन्त चतुर्दशी एवं दशलक्षण समापन कलश किए गए। जिसके पश्चात श्री जी की माल हुई ।अन्त में श्री जी की महाआरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ ।
दिन भर जैन बन्धु पूजा-अर्चना, धर्म-ध्यान, त्याग - तपस्या में व्यस्त रहे। इस दिन अपने प्रतिष्ठान - व्यापार आदि भी बन्द रखे। 250 से अधिक मंदिरों दिगम्बर जैन मंदिरों से प्राप्त सूचना अनुसार एक लाख से अधिक दिगम्बर जैन बन्धुओं ने निराहार रहकर एक दिवस का उपवास रखा। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने तीन दिवसीय कर्म निर्झर तेला एवं रत्नत्रय व्रत व तेला की आराधना की।
मनाया वीतराग धर्म का उत्तम ब्रह्मचर्य लक्षण
दशलक्षण महापर्व के तहत शनिवार को वीतराग धर्म का उत्तम ब्रह्मचर्य लक्षण मनाया गया। इस मौके पर प्रातः श्री जी के अभिषेक, शांतिधारा के बाद दशलक्षण धर्म में उत्तम ब्रह्मचर्य लक्षण की विधान मंडल पर अष्ट द्रव्य से पूजा अर्चना की गई।
इस मौके पर चातुर्मास स्थलों पर संतों एवं विद्वानों ने उत्तम ब्रह्मचर्य लक्षण पर प्रवचन दिया। प्रवचन देते हुए कहा कि उत्तम ब्रह्मचर्य मन आनौ माता बहन सुता पहचानो। पर द्रव्यो से रहित शुद्ध बुध आत्मा में चर्यालीनता ही ब्रह्मचर्य हैं।इसका पालन अतिन्द्रीय आनन्द है।
पांचों इंद्रियों के किसी भी विषय का भाव नहीं बनाना,भोग,उपभोग की भावना से रहित रहना ही उत्तम ब्रह्मचर्य है।
विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र शांतिनाथ जी की खोह में समाजश्रेष्ठी सुधीर चौधरी, विनोद जैन कोटखावदा सहित कई श्रावकों ने श्री जी के अभिषेक, शांतिधारा के बाद 24 तीर्थंकरों की पूजा अर्चना की। इस मौके पर कमल वैद, दीपिका जैन कोटखावदा, आरती चौधरी, मंजू वैद सहित बडी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
यहां भी हुए विशेष आयोजन
मालवीय नगर के सैक्टर 3 स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अभिषेक, शांतिधारा के बाद विशेष पूजा अर्चना की गई। पूजा के दौरान महेन्द्र साह आबूजीवाले, सतीश काला, संजय साह, ध्रुव साह आदि ने मंत्रोच्चार के साथ अष्ट द्रव्य के अर्घ्य चढाए। श्योपुर प्रतापनगर के श्री चन्द्रप्रभू दिगम्बर जैन मंदिर में महिलाओं ने अध्यक्ष दिलीप पाटनी एवं महामंत्री नेमी चन्द बाकलीवाल के नेतृत्व में अभिषेक, शांतिधारा की गई। अमिता साह, दिव्या बाकलीवाल, मीनू जैन निमोडिया के नेतृत्व में अष्ट द्रव्य से दशलक्षण की पूजा-अर्चना की। पूजा के दौरान भक्ति नृत्य किए । व्रत, उपवास, तेला, दशलक्षण, षोडशकारण व्रत आदि कर रहे श्रद्धालु त्यागी व्रती तपस्वियों को उनकी तपस्या के समापन पर मंदिरों से गाजे-बाजे से उतारा जाएगा।
पडवा ढोक सोमवार को
दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों के दस लक्षण महापर्व के दौरान त्याग तपस्या,व्रत उपवास करने वाले त्यागीव्रती एवं तपस्वियों की रविवार को जगह जगह बैण्ड बाजों के साथ शोभायात्राएं निकाल कर मंदिरों में उतारा जाएगा।
वही सोमवार को तीन दिवस का उपवास एवं रत्नत्रय व्रत तेला करने वाले त्यागी व्रतियों को शोभायात्रा के साथ मंदिरों से घर लाया जाएगा।
सायंकाल दिगम्बर जैन धर्मावलंबियों का क्षमा पर्व पड़वा ढोक मंदिरों में श्री जी के कलशों के बाद मनाया जाएगा। इस मौके पर राजधानी सहित आसपास के दिगम्बर जैन मंदिरों के बाहर मेले का माहौल रहेगा।
राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन 'कोटखावदा' ने बताया कि दिगम्बर जैन मन्दिरों में सोमवार को सायंकाल षोडशकारण समापन पर श्री जी के कलशाभिषेक होंगे। जिसके पश्चात श्री जी की महाआरती की जाएगी। अन्त में मंदिरों के बाहर पड़वा ढोक क्षमा वाणी पर्व मनाया जाएगा। बड़ों के चरण छूकर , बराबर वाले आपस में गले मिलकर एक दूसरे से गत वर्ष की भूलों व की गई गलतियों के लिए आपस में खोपरा मिश्री खिलाकर क्षमा याचना करेंगे। जैन बन्धु क्षमावाणी के लिए देर रात्रि तक एक दूसरे के घरों में जायेंगे। राजधानी सहित जिले के गांवों , कस्बों में रास्तों एवं दिगम्बर जैन मंदिरों के बाहर उत्सव का माहौल रहेगा।
विनोद जैन 'कोटखावदा' ने बताया कि षोडशकारण व्रत के 16 दिन एवं 32 दिन के उपवास आदि करनेवाले श्रद्धालुओं त्यागी व्रती तपस्वियों को उनकी तपस्या के समापन पर मंगलवार को मंदिरों से गाजे-बाजे से उतारा जाएगा। मंगलवार को जैन धर्म के 21 वें तीर्थंकर भगवान नमिनाथ का गर्भ कल्याणक दिवस मनाया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश