श्रम को सामाजिक प्रतिष्ठा मिले तो भारत विश्व गुरु बनेगा- मुकुल कानिटकर
अजमेर, 4 सितम्बर (हि.स.)। वैशाली नगर स्थित हिन्दू चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एचसीसीआई) का गुरुवार को शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर आयोजित हवन-यज्ञ व समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, स्वदेशी जागरण मंच तथा शिक्षा-जगत से जुड़े वक्ताओं ने भारत की अर्थ
श्रम को सामाजिक प्रतिष्ठा मिले तो भारत विश्व गुरु बनेगा- मुकुल कानिटकर


श्रम को सामाजिक प्रतिष्ठा मिले तो भारत विश्व गुरु बनेगा- मुकुल कानिटकर


अजमेर, 4 सितम्बर (हि.स.)। वैशाली नगर स्थित हिन्दू चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एचसीसीआई) का गुरुवार को शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर आयोजित हवन-यज्ञ व समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, स्वदेशी जागरण मंच तथा शिक्षा-जगत से जुड़े वक्ताओं ने भारत की अर्थव्यवस्था, श्रम को सामाजिक प्रतिष्ठा और परंपरागत कार्यों में तकनीक के उपयोग पर अपने विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने और विश्वगुरु की ओर बढ़ाने के लिए श्रम को सामाजिक सम्मान, परंपरागत कार्यों में तकनीक का समावेश और ईमानदारी-गुणवत्ता पर आधारित व्यापार को ही आधारशिला मानते हुए भविष्य की ओर मिलजुलकर कदम बढ़ाने की बात कही।

मुख्य वक्ता प्रख्यात शिक्षाविद मुकुल कानिटकर ने कहा कि अंग्रेजों ने भारत को कृषि प्रधान देश कहकर प्रचारित किया, जबकि असल में भारत श्रम और उत्पादन प्रधान समाज रहा है। उन्होंने कहा कि नौकरी की होड़ के बजाय श्रम को सामाजिक प्रतिष्ठा दिलानी होगी। प्लम्बर, इलेक्ट्रीशियन और खाती जैसे कारीगर समाज के लिए उतने ही जरूरी हैं, जितना कोई नौकरीपेशा। यदि उन्हें सम्मान मिले तो भारत पुनः विश्वगुरु बन सकता है। उन्होंने बताया कि ब्रज क्षेत्र में ही चर्मकार समुदाय अरबों का कारोबार कर रहा है, जो भारत की स्वदेशी ताकत का प्रमाण है।

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक प्रो. भगवती प्रसाद शर्मा ने कहा कि 146 करोड़ की आबादी भारत को 400 अरब डालर की अर्थव्यवस्था बना सकती है, जबकि अमेरिका की अर्थव्यवस्था 26 अरब डालर है। उन्होंने कहा कि परंपरागत काम छोड़कर केवल नौकरी पर निर्भरता ने समाज को कमजोर किया है। स्वर्णकार, लोहार और अन्य समुदायों ने अपने-अपने क्षेत्र में प्रौद्योगिकी नहीं अपनाई, जबकि यही काम विदेशी उद्योगों ने किया और आगे निकल गए।

शिक्षाविद् और संघ के क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य हनुमान सिंह राठौड़ ने कहा कि भारत की साख इसलिए बनी क्योंकि व्यापारी वर्ग ने विदेशों में ईमानदारी और गुणवत्ता से लोगों का विश्वास जीता। धर्मशालाएं और सामाजिक कार्य भी इसी व्यापारी वर्ग ने किए। उन्होंने कहा कि अब उद्योग और व्यापार में बुद्धिमत्ता और आधुनिक तकनीक अपनाने की जरूरत है।

संस्था से जुड़े अजय सिंह राजपूत और देवेन्द्र पंवार ने बताया कि हिन्दू चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का उद्देश्य युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है। संस्था कुशल युवाओं को जरूरतमंद लोगों से जोड़ने का काम करेगी। समारोह में गरिमा वर्मा, जय मोटवानी सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

इस अवसर पर उमेश कुमार चौरसिया की पुस्तक इदं राष्ट्राय स्वाहा का विमोचन भी किया गया। यह पुस्तक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ‘गुरुजी’ के जीवन पर आधारित है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / संतोष