चांदी के 'रथ' में बिराजे भगवान, इंद्रदेव ने बरसात कर किया स्वागत, झलझूलनी एकादशी मेले में निकाली शोभायात्रा
चित्तौड़गढ़, 3 सितंबर (हि.स.)। वैश्विक आस्था के केंद्र श्री सांवलियाजी में तीन दिवसीय मेले का बुधवार को मुख्य दिवस है। यहां दोपहर में भगवान को चांदी के रथ में बिराजमान करवाया तो प्रसन्न होकर इंद्रदेव ने भी बरसात कर दी। तेज बरसात के बावजूद भक्त श्रद्ध
चित्तौड़गढ़ जिले के श्री सांवलियाजी मेले में बुधवार को जलझूलनी एकादशी पर निकाला बेवान।


चित्तौड़गढ़, 3 सितंबर (हि.स.)। वैश्विक आस्था के केंद्र श्री सांवलियाजी में तीन दिवसीय मेले का बुधवार को मुख्य दिवस है। यहां दोपहर में भगवान को चांदी के रथ में बिराजमान करवाया तो प्रसन्न होकर इंद्रदेव ने भी बरसात कर दी। तेज बरसात के बावजूद भक्त श्रद्धा से झूमते दिखे। भगवान का सानिध्य पाने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु सांवलियाजी कस्बे में पहुंचे। यहां उत्साह और उल्लास का माहौल दिखाई दिया। भगवान नगर भ्रमण के बाद सांवलिया सरोवर एनीकेट पहुंचेंगे, जहां पर भगवान की पूजा होगी और जल में झुलाया जाएगा।

जिले के प्रख्यात कृष्ण धाम श्री सांवलियाजी मंदिर में तीन दिवसीय मेले के तहत एकादशी के दिन मुख्य दिवस रहता है। यहां दोपहर 12 बजे बाद विशेष पूजा करते हुए पुजारी परिवार ने भगवान के बाल विग्रह को चांदी के बेवान में विराजमान कर चांदी के रथ में स्थापित किया। इसके साथ ही पूरा परिसर 'हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की' के जयकारो से गूंज उठा। भक्तों ने पुष्प वर्षा कर भगवान का स्वागत किया। रथयात्रा के आगे पंजाब के विशेष बैंड एवं थाली मांदल पर श्रद्धालु श्रद्धा से झूमते दिखाई दिए। भगवान के चांदी के रथ में विराजमान हुए थोड़ी ही देर हुई थी कि भगवान इंद्रदेव भी प्रसन्न हो गए तथा जम कर बरसात कर दी। बरसात के बावजूद भक्तों का उत्साह ठंडा नहीं पड़ा। यहां भजनों पर श्रद्धालु भाव से नाचते दिखे।

भगवान श्री सांवलिया सेठ के मेले में राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, गुजरात सहित कई राज्यों से श्रद्धालु पहुंचे हैं। भगवान के रथयात्रा का सानिध्य पाने के लिए सभी श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने के लिए रथ के पास आते दिखे। बड़ी बात यह है कि करीब 450 किलो वजनी इस चांदी के रथ को भी श्रद्धालु अपने हाथों से खींच कर चल रहे हैं। रथ यात्रा के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा कर के स्वागत किया गया। नगर भ्रमण करते हुए यह रथयात्रा शाम 5 बजे सांवलिया सरोवर एनीकेट पहुंचेगी। यहां भगवान की जलवा पूजा कर आरती उतारी जाएगी। भगवान को जल में स्नान करवाया जाएगा। वहीं श्रद्धालु भी भगवान के साथ जल में स्नान करेंगे। विशेष आरती के बाद रथ यात्रा पुनः 8 बजे मंदिर पहुंचेगी, जहां भव्य आतिशबाजी की जाएगी। वहीं मेले में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थाओं को माकूल किया गया है।

भगवान को रथ में बिराजमान करने के दौरान श्री सांवलिया मंदिर मंडल के सीईओ एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रभा गौतम, मंदिर बोर्ड चेयरमैन हजारीदास वैष्णव, पवन तिवारी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सरिता सिंह, मंदिर के प्रशासनिक अधिकारी शिव शंकर पारीक व राजेंद्र सिंह नाथावत सहित बड़ी संख्या में पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे। वहीं श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त किए गए हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अखिल