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लखनऊ, 3 सितंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को वजीरगंज थाना की पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक फर्जी आईएएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। वह नकली पहचान पत्र और दस्तावेज के जरिए सरकारी सुविधाओं का अनुचित लाभ उठा रहा था। कई लोगों से ठगी भी की हैं। उसके पास से कई फर्जी पास लगी गाड़ियां बरामद की गई हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
वजीरगंज थाना प्रभारी राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कारगिल शहीद पार्क के पास पुलिस रुटीन चेकिंग कर रही थी। इस दौरान एक कार में बैठा शख्स खुद को आईएएस अधिकारी बताते हुए पुलिस कर्मियों पर दबाव बनाने लगा। कार में रखी नीली-लाल बत्ती और उसकी हरकतों पर शक होते ही पकड़ लिया गया। सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह स्वीकार लिया।
पकड़े गए युवक की पहचान मूलरूप से मऊ जनपद के सराय लखंसी निवासी सौरभ त्रिपाठी के रूप में हुई है। उसका एक घर नोएडा के गरिमा विहार में भी है और माैजूदा में वह परीवार के साथ लखनऊ के गोमती नगर विस्तार के शालीमार वन वर्ड बिलगेडियर कोट में रह रहा है। उसके पास से मिले फर्जी आईएएस परिचय पत्र व विजिटिंग कार्ड काे कूटरचित गतिविधियाें में इस्तेमाल की जा रही थी।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि उसने इन फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी सुविधाओं का अनुचित लाभ उठाया और कई लोगों को ठगा। गाड़ियों पर लगे पास भी फर्जी हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उसने सोशल मीडिया पर भी फेक आईडी बनाकर खुद को आईएएस अधिकारी बताया है। कई सरकारी बैठकें, कार्यक्रम में उपस्थित होकर अधिकारियों संग फोटो खिंचवाकर पोस्ट भी किए हैं।
काेतवाल ने बताया कि जालसाज काे गिरफ्तार करते हुए उसके कब्जे से डिफेंडर, फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसी छह लग्जरी गाड़ियां, लैपटॉप, मोबाइल फोन, नकदी, बैंक कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, फर्जी विजिटिंग कार्ड, लाल-नीली बत्ती, डायरी, पेन ड्राइव और अन्य फर्जी दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दीपक