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जैसलमेर, 2 सितंबर (हि.स.)। देशभर में सुप्रसिद्व लोक देवता बाबा रामदेवरा मेला 2025 के अवसर पर प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भीसफलतापूर्वक शांतिपूर्ण ढंग सेसम्पन्न हाे गया।
कलेक्टर जैसलमेर प्रताप सिंह के निर्देशानुसार ग्राम पंचायत रामदेवरा के सहयोग से उपखण्ड अधिकारी पोकरण एवं रामदेवरा मेलाधिकारी लाखाराम चौधरी के मुख्य आतिथ्य एवं सरपंच ग्राम पंचायत रामदेवरा समंदरसिंह तंवर की अध्यक्षता एवं उप अधीक्षक पुलिस भवानीसिंह, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) प्रवीण प्रकाश चौहान, उप सरपंच ग्राम पंचायत रामदेवरा खींवसिंह, तहसीलदार पोकरण हजाराराम भील विकास अधिकारी प.स. सांकड़ा एवं सहायक मेलाधिकारी रामदेवरा मेला हनुमान राम, ग्राम विकास अधिकारी चौथराम सौंलकी, ग्राम पंचायत के आम्बाराम एवं पीआरओ विभाग जैसलमेर के ओमपंवार के विशिष्ट आतिथ्य में जिले की अग्रगणीय सांस्कृतिक संस्थान, सुर संगम संगीत कला केन्द्र एवं मेला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार, 01 सितम्बर भादवासुदी नवमी को रामदेवरा मेला चौक स्थित ग्राम पंचायत रंगमंच पर जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर एवं पोकरण के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकारों द्वारा बाबा की नगरी में रामसापीर की समाधि के दर्शन करने लाखों की तादाद में रामदेवरा पहुंचे श्रृद्वालूगणों के मनोरंजन के लिए भव्य, मनोहारी एवं शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम का सफलतापूर्वक शांतिपूर्ण ढंग से आयोजन किया गया।
सुर संगम संगीत कला केन्द्र के सचिव, उस्ताद मोहनखां ने बताया कि बाबा रामसापी की पावन धरा पर आयोजित हुई इस सांस्कृतिक सांझ में देश-विदेश में लोक सांस्कृतिक कला एवं लोक संगीत की धूम मचा चुके अपनी अलग खास पहचान रखने वाले जिले के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति अर्जित एक से बढ़कर एक लोक कलाकारों ने लोकसंगीत, लोकवाद्यों अनूठी शानदार बेहतरीन प्रस्तुतीयॉं देकर बाबा की संपूर्ण धर्ममयी नगरी को लोक संगीत से सरोबार कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान प्रारम्भ में सुर संगम संगीत कला केन्द्र की ओर से उपस्थित सभी अतिथिगणों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ अन्तर्राष्ट्रीय सुप्रसिद्व लोक कलाकार अन्नू सौंलकी एण्ड पार्टीे द्वारा विधिवत् श्रीगणेश वंदना एवं लोक देवता बाबा रामदेवजी महाराज के भजनों की सुरमयी संगीत प्रस्तुती से हुआ।
इस अवसर पर जैसलमेर जिले के ख्यातनाम लोक कलाकारों बाबूखां, लतीफखां, निहालखां, अशरफाखां, मालेखां एवं बीरबलखां की ’’ केशरीया बालम ’’ स्वागत गान, आश्चर्यचकित लोकसंगीत, लोक वाद्यों की अनूठी प्रस्तुतियों ने मेलार्थियों एवं संगीत प्रेमियों को भाव विभोर कर सुर व ताल पर थिरकने को मजबूर कर दिया एवं श्रृद्वालु रंगमंच के सामने अपने आप को नृृत्य करने से रोक नहीं पायें साथ ही बाबा के जयकारों से गुंजायमान हो उठा संपूर्ण परिसर। लोक कलाकारों की प्रस्तुतीयों के साथ ही श्रृ़द्वालुओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से लोक कलाकारों की हौसला अफजाई की। लोक कलाकारों का जोश देखते ही बन रहा था। लोक कलाकार ने दुगने जोश एवं स्फूर्ति के साथ लोकवाद्य यंत्रों के लयतालबद्व के साथ ही एक से बढ़कर एक अपनी शानदार प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम में जानेमाने लोक कलाकार अन्नू सौंलकी एवं उदाराम द्वारा राजस्थानी लोकनृत्य होलीयों में उड़े गुलाल, बाड़मेर जिले के शिव कैसूला गांव से आए पदेखां पार्टी द्वारा लोक गीत झिरमिर बरसे मेह..., की शानदार प्रस्तुती ने पूरे मेला चौक को लोक संगीत की सरिता बहा कर माहौल में चार चांद लगा दिये। इसी क्रम मेें अन्नू सौंलकी का भवाई, उदाराम का शानदार तराजू नृत्य एवं मधु व ममता का उम्दा राजस्थानी लोक नृत्य कालबेलिया, मूल सागर के सुप्रसिद्व कलाकार तगाराम के अलगौंजावादन एवं पोकरण के गाविन्दराम की कच्छी घौड़ी, रमेश सैन द्वारा पेश किया गया। वहीं रिंग डांस कार्यक्रम प्रस्तुती को भी श्रृद्वालुओं ने बडे़ उत्साह के साथ देखकर सराहना करते हुए बहुत खूब वाहवाही लूटी। कार्यक्रम के अंत में लोक कलाकारों द्वारा दमादम मस्त कलन्दर एवं जुगलबंदी संगीत पर सामुहिक नृत्य प्रस्तुत कर उपस्थित श्रृद्वालुओं को नाचने को मजबूर कर सभी श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्रशेखर