आपातकालः ...जब बर्बरता भी पानी मांगने को विवश हो गई थी
रामानुज शर्मा
नई दिल्ली, 19 सितंबर (हि.स.)। आपातकाल में सरकार के जुल्म, ज्यादती, अत्याचार और बर्बरता के विरोध में अनगिनत लोग ऐसे थे, जिन्होंने
अपनी आवाज बुलंद की और महीनों जेल की अंधेरी कोठरी में रहे। इनमें से एक थे प्रदीप चंद कंसल, जिनकी कहानी हृ
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