Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
झुंझुनू, 9 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान में झुंझुनू जिले के खेतड़ी स्थित सरकारी हॉस्पिटल में घुसकर बदमाशों ने लाठी-डंडे बरसाए। हॉस्पिटल स्टाफ तक को नहीं छोड़ा। आधी रात सरकारी हॉस्पिटल के वार्ड में लाठी-डंडों से लैस 15-20 बदमाशों ने हमला कर दिया। हॉस्पिटल में तोड़फोड़ की गई। इमरजेंसी में इलाज करा रहे युवक पर एक साथ कई बदमाशों ने लाठियों से हमला बोला। इस दौरान अफरा-तफरी मच गई। डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ से भी मारपीट की।
घटना के विरोध मे शनिवार सुबह हॉस्पिटल का स्टाफ धरने पर बैठ गया। पुलिस पर सवाल खड़े किए। आरोप लगाया कि पुलिस मौके पर पहुंची थी,पर कार्रवाई नहीं की गई। राजकार्य में बाधा डालने, हॉस्पिटल में तोड़फोड़ व स्टाफ से मारपीट की रिपोर्ट खेतड़ी थाने में दी गई है। पुलिस को 2 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। कार्रवाई नहीं होने पर कामकाज ठप करने की चेतावनी दी गई है।
खेतड़ी के सरकारी हॉस्पिटल में तैनात डॉ. सुनील कुमार झाझड़िया ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 12 बजे गजेंद्र, निवासी वार्ड-1 (खेतड़ी) घायल अवस्था में हॉस्पिटल आया था। उसने बाइक से गिरने की बात कही थी। नाइट ड्यूटी स्टाफ उसका इलाज कर रहा था। तभी 15-20 युवक लाठी-सरिया लेकर हॉस्पिटल में घुस आए। बदमाशों ने हॉस्पिटल में तोड़फोड़ की। इमरजेंसी रूम में घुस आए और गजेंद्र (घायल) पर हमला कर दिया। बीच-बचाव करने पहुंचे ड्यूटी डॉक्टर और हॉस्पिटल स्टाफ के साथ भी मारपीट की गई। अभद्र व्यवहार किया गया। इस दौरान बदमाशों ने धमकाते हुए उनके साथ आए एक घायल का इलाज करने के लिए कहा।
डॉ. झाझड़िया ने बताया कि हमले के दौरान डर के माहौल में हॉस्पिटल स्टाफ ने कमरों में छिपकर अपनी जान बचाई। सूचना मिलने पर खेतड़ी पुलिस पहुंची, लेकिन हमलावरों को हिरासत में लेने के बजाय ‘सुबह देखेंगे’ कहकर कार्रवाई टाल दी। आरोपियों की मौजूदगी में पुलिस को हमने घटनाक्रम के वीडियो दिखाए। लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ने के बजाय उनका (आरोपियों) सहयोग किया। पुलिस को कार्रवाई के लिए दो दिन का समय दिया गया है। अगर सोमवार तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो कार्य बहिष्कार कर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। हॉस्पिटल स्टाफ का कहना है कि पुलिस की लापरवाही से कर्मचारियों में आक्रोश है। हमले के बाद हॉस्पिटल में भय का माहौल है।
घायल गजेंद्र ने बताया कि आरोपियों ने पहले पत्थर से हमला किया था। नाक पर चोट लगी थी। इलाज करवाने के लिए वह हॉस्पिटल आया था और इमरजेंसी रूम में बेड पर लेटा हुआ था। तभी खेतड़ी में रहने वाला धीरज अपने साथियों के साथ हॉस्पिटल आया और हमला कर दिया। लाठियों और सरियों के हमले से उसका पैर टूट गया।
खेतड़ी थानाधिकारी कैलाश चंद ने बताया कि सूचना मिलने पर हेड कॉन्स्टेबल टीम के साथ हॉस्पिटल आया था। इसके बाद मैं भी मौके पर पहुंचा था। हॉस्पिटल परिसर में एक घायल मजदूर मिला। उसके पास करीब 10 लोग बैठे हुए थे। उन्होंने बताया कि वे डॉक्टर साहब के पास इलाज के लिए आए हैं। मैं डॉक्टर के पास गया, तो उन्होंने इलाज करने से इनकार कर दिया। डॉक्टर ने कहा कि हम सुरक्षित ही नहीं हैं इलाज कैसे करें? मैंने कहा कि अगर आपके साथ घटना हुई है, तो आप रिपोर्ट दीजिए।
इसके बाद डॉक्टर ने उस मजदूर (पुराने जेल का मोहल्ला (खेतड़ी) निवासी योगेश) का इलाज किया और उसे रेफर कर दिया। फिर दूसरा घायल (गजेंद्र) आया, जो शायद कहीं साइड में था। उसका भी इलाज करवाया गया, जिसे डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद रेफर कर दिया। शनिवार सुबह डॉक्टर ने हॉस्पिटल में रिपोर्ट दी है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कार्यवाहक पीएमओ डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा की रिपोर्ट पर 9 नामजद और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। घटना के दौरान नाइट ड्यूटी में डॉ. सुनील झाझड़िया, नर्सिंग ऑफिसर संदीप कुमार, संजय भूरिया और मुनेष कुमारी मौजूद थे। आरोपी नीरज पुत्र रमाकांत, निखिल पुत्र रमाकांत, मोहन नायक पुत्र घीसाराम, संजय पुत्र तिसाराम, सन्नी वारदाती, प्रेमी, बुली, मंजीत पुत्र मुकेश और तुषार पुत्र मुकेश समेत कुल 20 लोग हमले में शामिल थे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश