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- कुबेरेश्वरधाम कांवड यात्रा में कांवड़ियों पर हेलिकॉप्टर से होगी पुष्पवर्षा, सीवन तट से कुबेरेश्वरधाम महाकुंभ में तब्दील
सीहोर, 5 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश का सीहोर शहर मंगलवार को सीवन नदी के तट से लेकर कुबेरेश्वरधाम तक पावन सावन माह में बोल बम-बोल बम, बम भोले की, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं, नम शिवाय जैसे नारों से गूंज उठा। ऐसे में शिवभक्त कांवड़ियों पर क्षेत्र वासी पुष्प वर्षा कर रहे है। वहीं शहर के अनेक स्थानों पर सेवा पंडाल भी लगाए गए है, जहां पर कांवड यात्रियों को प्रतिदिन नाश्ते, चाय और पेयजल का वितरण किया जा रहा है।
दरअसल, प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के निर्देश पर बुधवार को सीहोर में भव्य कांवड यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आए श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। ये हेलीकॉप्टर उड़ान भरेगा। इसके अलावा देश के विभिन्न प्रांतों से आए डीजे का जोरदार प्रदर्शन भी देखने को मिलेगा। इस कांवड यात्रा में शामिल होने के लिए कांवड यात्री शहर में आकर आस्था और उत्साह के साथ कुबेरेश्वरधाम पर पहुंच रहे हैं। इस दौरान शहर सहित आस-पास के शहरवासी, ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों के अलावा जनप्रतिनिधियों के द्वारा 300 से अधिक स्थानों पर स्वागत और पेयजल सहित अन्य की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा क्षेत्रवासियों ने पिछले कई दिनों से सीवन नदी के तट से धाम तक जाने वालों के लिए कदम-कदम पर सेवा के स्टाल लगाकर भोजन, विश्राम और पेयजल से स्वागत किया। जिससे यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि कुबेर भंडारी की नगरी में कोई भी परेशानी नहीं है। प्रशासन और विठलेश सेवा समिति का आभार व्यक्त किया।
कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो, इसी के दृष्टिगत भोपाल तरफ से आने वाले भारी वाहन थाना-परवलिया अंतर्गत मुबारकपुर जोड़ एवं थाना-खजूरी अंतर्गत तुमड़ा जोड़ से होकर श्यामपुर-कुरावर-ब्यावरा-शाजापुर-मक्सी से होकर देवास इंदौर जा सकेंगे। इसी प्रकार देवास ,इंदौर से आने वाले भारी वाहन देवास से मक्सी-शाजापुर-ब्यावर-कुरावर-श्यामपुर होते हुए भोपाल जा सकेंगे। भोपाल से आष्टा-देवास-उज्जैन-इंदौर जाने वाले छोटे वाहन एवं सवारी वाहन सीहोर न्यू क्रिसेंट चौराहा से भाऊखेड़ी जोड़ से अमलाहा होते हुए आष्टा, देवास, उज्जैन, इंदौर जा सकेंगे। इसी प्रकार इंदौर-उज्जैन-देवास से भोपाल जाने वाले छोटे वाहन एवं सवारी वाहन आष्टा-अमलाहा-भाऊखेड़ी जोड़-न्यू क्रिसेंट चौराहा होते हुए भोपाल जा सकेंगे। जिला प्रशासन ने जनसामान्य से अपील है कि असुविधा से बचने के लिए डायवर्सन रूट का प्रयोग करें।
विठलेश सेवा समिति के मनोज दीक्षित मामा ने मंगलवार को बताया कि बुधवार की सुबह शहर के सीवन नदी के तट से निकाली जाने वाली भव्य कांवड़ यात्रा में शिवभक्तों पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाएगी। कांवड़ियों की राह में फूल बिछेंगे। इसके अलावा देश के विभिन्न प्रांतों से दो दर्जन से अधिक डीजे शामिल किए गए हैं। इसमें मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करने के लिए बाबा डीजे सीहोर के अलावा झारखंड से सार्जन डीजे, उत्तर प्रदेश के रावण डीजे, एमजे साउंड मेरठ, दिल्ली से कसाना डीजे, छत्तीसगढ़ पावर जोन, देव आडिया, महाराष्ट्र के प्रशांत डीजे, गुजरात के त्रिनेत्र डीजे, श्याम बैंड इंदौर, धुमाल भिलाई आदि को विठलेश सेवा समिति के व्यवस्थापक समीर शुक्ला टीम ने शामिल किया गया है। देश के विभिन्न प्रांतों से आने वाले डीजे लाखों युवाओं की पसंद है, जिसके कारण पूरे देश के कांवड यात्री यहां पर आने वाले है, जिससे भव्य कांवड यात्रा महाकुंभ में तब्दील हो जाएगी। लाखों श्रद्धालुओं के भोजन प्रसादी के लिए देश की सबसे बड़ी भोजनशाला से प्रसादी का वितरण किया जाएगा।
आस्था का महाकुंभ बनेगी, भारत की सबसे बड़ी कांवड यात्रा
मनोज दीक्षित ने बताया कि गुरुदेव के संदेश से इस कलियुग में शिव युग की वापसी हो गई है। शहर की जीवनदायनी सीवन नदी से प्रतिदिन हजारों की संख्या में दिन-रात कांवड लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर कांवड लेकर श्रद्धालु शहर से कुबेरेश्वरधाम की ओर जा रहे हैं। वहीं धाम पर पिछले दो दिनों में लाखों श्रद्धालु ठहरे हुए है। जिनके ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था क्षेत्रवासियों और समिति के द्वारा की जा रही है।
हर रोज बड़ी संख्या में कावड़ लेकर महिला पुरुष आदि कावड़ यात्री
हर रोज बड़ी संख्या में कावड़ लेकर महिला-पुरुष आदि कावड़ यात्री आ रहे हैं। पूरी आस्था और उत्साह के साथ यहां पर भगवान का जलाभिषेक का क्रम जारी है। सुबह नौ बजे निकाली जाने वाली ऐतिहासिक कांवड यात्रा में एक बार फिर से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के सौ से अधिक ढोल-बाजे, भगवान शंकर के डमरू और डीजे आदि के साथ पूरे शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को भगवा रंग से सराबोर कर दिया जाएगा। आयोजन को लेकर शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में उत्साह का वातावरण है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पंडित प्रदीप मिश्रा स्वयं शामिल रहेंगे। इस मौके पर डीजे, ढोल-ताशे और भोलेनाथ की झाकियों के साथ कावड़ यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा की तैयारियों युद्ध स्तर पर की जा रही है।
जगह-जगह सेवा शिविर लगाए जाएंगे
मान्यता है कि तमाम कष्ट उठाकर भगवान भोले शंकर की कांवड़ चढ़ाने जाने वाले शिवभक्तों की सेवा करना भी परम पुण्य का काम है। इससे प्रेरित होकर कांवड़ मार्ग पर जगह-जगह सेवा शिविर लगाए जाएंगे। जिससे कांवड़ में शामिल होने वालों का अतिथि सत्कार होगा। कावड यात्रा में मुख्य अतिथि पंडित प्रदीप मिश्रा स्वयं यात्रियों के साथ शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि शिव पुराण के अनुसार, श्रावण के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर निवास करते हैं। इसलिए इस मास में पूजा करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर