हिसार के पुट्टी मंगल खां गांव में टूटी ड्रेन, 200 एकड़ फसलें हुई जलमग्न
ड्रेन टूटने से खेतों में बहता पानी।


ड्रेन के पानी के बहाव को रोकने का प्रयास करते सिंचाई विभाग के कर्मचारी।


ड्रेन टूटने के बाद खेतों में खड़ा पानी।


खेतों में बसी ढाणियों का गांव से संपर्क टूटासिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ड्रेन के किनारे पर मिट्टी डाल किया पानी के बहाव को बंद हिसार, 5 अगस्त (हि.स.)। बरसाती पानी की निकासी व जलभराव की समस्या से राहत दिलाने के लिए बनाई गई ड्रेन ओवरफ्लो होने के चलते गांव पुट्टी मंगल खां के समीप टूट गई। इससे गांव के खेतों में खड़ी सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई। मंगलवार सुबह जब ग्रामीण सो कर उठे और खेतों की ओर गये तो उन्हें खेतों में पानी ही पानी नजर आया। ड्रेन में टूटने की वजह ड्रेन में पानी का दबाव और ओवरफ्लो होना बताया जा रहा है।पीड़ित किसान सोनू ने बताया कि ड्रेन सोमवार की दोपहर बाद से ही ओवरफ्लो चल रही थी। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को ड्रेन के ओवरफ्लो होने की सूचना दी थी लेकिन विभाग के अधिकारियों द्वारा समय रहते कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते पानी के दबाव में रात को ड्रेन का एक किनारा टूट गया और सुबह जब वह खेतों की ओर आए तो ड्रेन से तेज रफ्तार से पानी खेतों में फैलता जा रहा था। उन्होंने बताया कि ड्रेन के टूटने से करीब 200 एकड़ में खड़ी फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। खेत में रहने वाले किसानों के घरों में पानी घुस गया तथा घर में जमीन पर रखा सामान व पशुओं के लिए रखी तुड़ी भीगने से खराब हो गई। किसानों के द्वारा खेतों में लगाए गए सोलर पंप, ट्यूबवेल, पाइप और अन्य कीमती उपकरण भी पानी में डूबने से खराब हो गए। ड्रेन से तेजी से खेतों में बह रहे पानी से स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि खेतों में बसी ढाणियों तक जाने वाले रास्तों में भी भारी जलभराव हो जाने से ग्रामीणों का ढाणियों में रहने वाले लोगों से संपर्क टूट गया। गनीमत रही कि ड्रेन का किनारा गांव की ओर नहीं अपितु खेतों की ओर टूट गया। अगर गांव की और का किनारा टूट जाता तो पूरा पुठ्ठी मंगल खां गांव जलमग्न हो सकता था।सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग के अधिकारी ड्रेन का एक किनारा टूटने की सूचना मिलने पर सिंचाई विभाग के अधिकारी पूरे अमले के साथ मौके पर पहुंचे और ट्रैक्टर व जेसीबी मशीन की सहायता से करीब 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पानी के बहाव को बंद कर दिया गया। आसपास के खेतों में रहने किसानों ने सिंचाई विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर कट्टों में मिट्टी भर कर ड्रेन के टूटे हुए किनारे पर रखवा कर पानी के बहाव को बंद करवाया। जब तक पानी के बहाव को बंद किया गया तब तक ड्रेन के आसपास के 200-250 एकड़ जमीन पर खड़ी फसल जलमग्न हो चुकी थी। ड्रेन के टूटने से किसानों का जहां घरों में रखा लाखों रुपए का सामान खराब हो गया वहीं खेतों में खड़ी करोड़ों रुपए की फसल खराब होने के कगार पर पहुंच गई। किसानों ने ड्रेन के टूटने से हुए जलभराव के चलते खराब हुई फसलों का सर्वे करवाकर मुआवजा दिए जाने की मांग की है।मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग के जेई प्रदीप कुमार ने बताया कि उन्हें मंगलवार सुबह पुट्टी मंगल खां गांव के समीप खेतों की ड्रेन के टूटने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही वे सिंचाई विभाग के कर्मचारियों तथा जेसीबी मशीन तथा ट्रैक्टर ट्राली के साथ मौके पर पहुंच गए थे और सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने आस-पास के किसानों के साथ मिलकर ड्रेन के टूटे हुए किनारे पर मिट्टी से कट्टे रख पानी के बहाव को बंद करवाया गया। उसके बाद जेसीबी व ट्रैक्टर ट्राली से मिट्टी डाल कर ड्रेन के किनारे को ठीक करवा दिया गया।

फोटो : ड्रेन टूटने के बाद खेतों में खड़ा पानी।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर