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हिसार, 5 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा सरकार द्वारा विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों, विश्वविद्यालयों व सहकारी संस्थानों के आधीन कार्यरत व सेवानिवृत कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाने को लेकर लगातार प्रचार-प्रसार कर रही है, परंतु सरकारी कार्यरत व सेवानिवृत कर्मचारियों को सरकारी अस्पतालों में दाखिल होने पर हुए खर्च की भरपाई संबंधी बिलों का भुगतान लंबे समय तक नहीं किया जाता है। इसके चलते सेवानिवृत कर्मचारियों को दफ्तरों के चक्कर काटने पर विवश होना पड़ रहा है। अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमएल सहगल ने मंगलवार काे कहा कि कर्मचारियों व सेवानिवृत कर्मचारियों को सरकारी अस्पतालों व सरकार से स्वीकृत 1340 अस्पतालों में दाखिल होकर ईलाज लेते हैं तो उन्हें अस्पताल में दाखिल समय के मेडिकल खर्च के बिल का भुगतान पीजीआई रेट अनुसार भुगतान करने की व्यवस्था लागू है, लेकिन यहां भी बीमारी का शिकार सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मेडिकल बिलों के भुगतान को लेकर दफ्तरों के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है।एमएल सहगल ने बताया कि उनके द्वारा आरटीआई अधिनियम के तहत महाराजा अग्रसेन सिविल अस्पताल, हिसार से मांगी गई सूचना अनुसार सीएचसी, मंगाली से सेवानिवृत एमपीएचएस कृष्णा देवी द्वारा दिनांक 20-01-25, 08-04-25 व 16-04-25 को प्रस्तुत मेडिकल बिलों की राशि क्रमश: 65600, 29500 व 299642 रुपए अर्थात कुल राशि 3 लाख 94 हजार 562 रुपए भुगतान को लेकर लटक रही है। इसी प्रकार मंगाली सीएचसी आधीन 34 मेडिकल बिल जो इसी अस्पताल में कार्यरत कर्मचारियों के हैं अभी तक लटक रहे हैं।सहगल ने बताया कि खांडा खेड़ी सीएचसी में कर्मचारियों के 11 मेडिकल बिलों का अभी तक भुगतान नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ ने जिला नागरिक अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी को 29 जुलाई 2025 को पत्र लिखकर लंबित मेडिकल बिलों का भुगतान जल्द करने की अपील की है। यदि मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं किया गया तो कर्मचारियों व पेंशनरों को आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर