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भोपाल, 5 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने एडवांटेज ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड (एओपीएल) के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें करोड़ों के घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज बरामद हुए, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि कंपनी ने कर्मचारियों और फर्जी व्यक्तियों के नाम पर 73 नकली कंपनियां बनाईं और उनके जरिए करोड़ों की हेराफेरी की। यह जांच प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की गई।
ईडी को पता चला है कि कंपनी ने अपने ही कर्मचारियों और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के नाम पर 73 फर्जी कंपनियां बनाईं। इन कंपनियों के माध्यम से बड़े पैमाने पर धन शोधन किया गया। इस केस की शुरुआत केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), नई दिल्ली द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर हुई। एफआईआर में आरोप है कि एओपीएल के डायरेक्टर्स ने कुछ अज्ञात सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर बैंकों के साथ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ा किया। इन लोगों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को करीब 1266.63 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
ईडी की जांच में सामने आया है कि एओपीएल ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से 1266.63 करोड़ रुपये का लोन लिया और टर्नओवर को कई गुना बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया। इसके बाद उस रकम को संबंधित पार्टीज़ और खुद की अन्य कंपनियों को अनसिक्योर्ड लोन के रूप में ट्रांसफर कर दिया गया। जब पूरा फंड इधर-उधर कर दिया गया, तो कंपनी को जानबूझकर एनपीए घोषित कर दिया गया। इस धोखाधड़ी के बाद बैंक को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में मामला दर्ज करवाना पड़ा।
ईडी की कार्रवाई के दौरान यह भी सामने आया कि कंपनी के अधिकारियों ने भारत और विदेशों में भारी निवेश किया। अब तक की जांच में लगभग 300 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियों का पता चला है। एजेंसी ने स्पष्ट किया है कि यह जांच अब भी जारी है और आगे और भी बड़े खुलासे संभव हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर