दमोहः प्लास्टर ऑफ पैरिस की मूर्तियां बनाने और बिकी पर धारा 223 के तहत होगी कार्रवाई
प्लास्टर ऑफ पैरिस (पीओपी) की मूर्तियां बनी और बिकी तो धारा 223 के तहत होगी कार्यवाई


दमोह-स्वच्छता और सुजलता पर केंद्रित होगा स्वतंत्रता दिवस समारोह-कलेक्टर कोचर


दमोह, 4 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने मंगलवार को एक आदेश जारी करते हुये मूर्ति बनाने वाले और विक्रय करने वालों से कहा है कि वह सिर्फ मिट्टी की मूर्तियों का निर्माण और विक्रय करें।

ज्ञात हो कि आगामी महिनों में गणेश उत्सव तथा दुर्गा उत्सव पर्व आने वाले हैं और इस अवसर पर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना घर-घर में एवं विशाल प्रतिमायें पंडालों में की जाती है। सस्ती और सुंदर प्रतिमाओं को लेकर बडी तादाद में मूर्तिकारों द्वारा मिट्टी प्लास्टर ऑफ पैरिस (पीओपी) का उपयोग कर मूर्तियां तथा विभिन्न प्रकार की सजावटी सामग्री तैयार की जाती हैं। मूर्तियों के विसर्जन के कारण नदियों, तालाबों एवं जल स्रोतों की जल गुणवत्ता प्रभावित होती है, जो पर्यावरण के लिये हानिकारक है। इसी उद्देश्य को लेकर जिला मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार कोचर ने तत्संबंध में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी मूर्ति विसर्जन मार्गदर्शिका में दिये गये मुख्य बिन्दुओं के अनुसरण में दमोह जिले अंतर्गत आगामी गणेश उत्सव तथा दुर्गा उत्सव पर्वों पर प्लास्टर ऑफ पैरिस (पीओपी) की मूर्तियों का निर्माण संग्रहण एवं विक्रय तथा नॉन बायो डिग्रेडेबल रासायनिक रंग/ऑयल पेंटस का उपयोग भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत् प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुये प्रतिबंधित किया है। उक्त जारी आदेश का उल्लंघनध्चूक करने पर दोषी व्यक्ति/समूहों के विरूद्ध अन्य अधिनियमों के साथ-साथ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत वैधानिक कार्यवाई की जायेगी।

जारी आदेश में कहा गया है मूर्तियों का निर्माण प्राकृतिक और बायो डिग्रेडेबल मटेरियल से तथा सजावट हेतु प्राकृतिक रंग/डाई एवं बायो डिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग किया जाये। सिंगल यूज प्लास्टिक, थर्मोंकोल सामग्री, नॉन बायो डिग्रेडेबल रासायनिक रंगध्ऑयल पेंटस, का उपयोग प्रतिबंधित है। केवल वाटर वेस्ड बायो डिग्रेडेबल रंग का उपयोग मूर्ति एवं सजावट की सामग्री में किया जा सकेगा। केवल पर्यावरण हितैषी सामग्री से मूर्ति का निर्माण किया जाये। उन्होंने कहा अनुविभागीय दण्डाधिकारी दमोह,हटा,तेन्दूखेड़ा,पथरिया सुनिश्चित करेंगे कि आदेश के प्रभावशील होने उपरांत नगरीयध्नगरेत्तर क्षेत्र में किसी भी मूर्ति विनिर्माताओं ध्निर्माता अथवा शिल्पकारों या कारीगरों द्वारा पीओपी से मूर्तियों का निर्माण न किया जाए। शीघ्र जाँच दल गठित कर भण्डारण का परीक्षण किया जाये। आदेश की सूचना सर्वसंबंधित जनता को पूरे क्षेत्र में ध्वनि विस्तारक यंत्रों द्वारा दी जाये एवं आदेश की एक-एक प्रति आम जनता की सूचना के लिए पुलिस थानों के नोटिस बोर्ड एवं अन्य सह दृष्टिगोचर सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा कराई जाये।

यह आदेश सर्व साधारण को सम्बोधित है और चूकि यह आदेश जन सामान्य के जान-माल की सुरक्षा तथा भविष्य में लोकशांति भंग होने की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जारी किया जा रहा है इसकी तामीली प्रत्येक व्यक्ति पर सम्यक रूपेण कराया जाना एवं सुनवाई किया जाना संभव नही है। अतः यह आदेश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163(2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। सार्वजनिक माध्यमों, इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं समाचार पत्रों के माध्यम से सर्व संबंधितों को अवगत कराया जा रहा है। सभी समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया में निःशुल्क प्रकाशन और प्रसारण कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। ज्ञातव्य है कुम्हार/प्रजापति समाज के द्वारा पी.ओ.पी. से निर्मित मूर्तियों के निर्माण एवं विक्रय पर प्रतिबंध लगाया जाने हेतु ज्ञापन प्रस्तुत किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / हंसा वैष्णव