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जयपुर, 5 अगस्त (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा एवं चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कार्मिक राजकीय चिकित्सा संस्थानों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों का सघन निरीक्षण कर रहे हैं। प्रदेश के जर्जर और अधिक मरम्मत की आवश्यकता वाले चिकित्सा संस्थान के भवनों पर ‘जर्जर भवन-प्रवेश निषेध’ का बोर्ड डिस्पले कर उपयोग तुरंत बंद किया जा रहा है तथा प्राथमिकता के साथ इनका रिनोवेशन सुनिश्चित किया जाएगा।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने मंगलवार को प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की साप्ताहिक समीक्षा बैठक में इस संबंध में विस्तृत दिशा—निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित अधिकारी अपने क्षेत्र के चिकित्सा संस्थानों का गहन निरीक्षण करें और गंभीरता के साथ सुधारात्मक कार्रवाई करें। कहीं भी लापरवाही सामने आई या किसी भी प्रकार की क्षति हुई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राठौड़ ने अधिक वर्षा के कारण चिकित्सा संस्थानों में संभावित दुघर्टनाओं से बचाव के लिए मेंटीनेंस कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। समीक्षा बैठक में उन्होंने चिकित्सा भवनों की स्थिति, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना, आरजीएचएस, टीबी एवं गैर संचारी रोगों की स्क्रीनिंग व उपचार, मौसमी बीमारियों और दवाइयों की उपलब्धता सहित विभिन्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सभी जिलों के साथ विस्तार से चर्चा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
राठौड़ ने विगत सप्ताह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में दिये गये निर्देशों की पालना की जानकारी ली। उन्होंने मौसमी बीमारियों के बारे में जानकारी लेकर कहा कि जिन जिलों में मलेरिया व डेंगू के केस ज्यादा आ रहे हैं, वहां वैक्टर बोर्न डिजीज की रोकथाम के लिए सघन स्क्रीनिंग की जाए। उन्होंने कहा कि मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक सामग्री-संसाधनों की यथासमय व्यवस्था की जाए। निर्धारित प्रोटोकॉल अनुसार एंटीलार्वा गतिविधियां संचालित की जाएं और आगामी संभावनाओं को देखते हुए पूरी तैयारी रखी जाए।
प्रमुख शासन सचिव ने टीबी मुक्त भारत अभियान की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जो जिले टीबी स्क्रीनिंग के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने में पीछे चल रहे हैं, वे इस काम को गति देकर लक्ष्य हासिल करें। स्वास्थ्य कार्मिकों की सक्रियता बढ़ाकर शत—प्रतिशत स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्क्रीनिंग करने के साथ ही लक्षणों वाले रोगियों की जरूरी जांचें की जाएं एवं स्क्रीनिंग में सामने आए टीबी रोगियों को पूरा उपचार उपलब्ध करवाएं। साथ ही, टीबी से संबंधित डेटा नियमित रूप से पोर्टल पर अपडेट किया जाए।
निदेशक, जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने जिलावार प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया और आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही हेतु मार्ग-दर्शन प्रदान किया। उन्होंने बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ने और स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर सुदृढ़ीकरण के लिए दवा, उपकरण, भवन मरम्मत, सामग्री खरीद इत्यादि के प्रस्ताव तैयार कर निदेशालय भिजवाने के निर्देश दिये।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश