दलपत सागर की सफाई पुराने ढर्रे से जारी, 45 ट्रक जल कुंभी प्रतिदिन निकाली जा रही
दलपत सागर की सफाई  45 ट्रक जल कुंभी प्रतिदिन निकाला जा रहा


जगदलपुर, 5 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के सबसे बड़े दलपत सागर तालाब को एक बार फिर जल कुंभी और हानिकारक जलीय वनस्पतियों से मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है, पिछले 5 दिनों से यह कार्य जारी है । जिसके चलते दलपत सागर-धरमपुरा बंधान मार्ग को फिलहाल बंद कर दिया गया है । दूसरी तरफ तालाब का कम से कम 45 ट्रक कचरा निकालकर प्रतिदिन अन्यत्र फेंकी जा रही है । उल्लेखनीय है कि नगर निगम क्षेत्र के मध्य में स्थित रियासतकालीन दलपत सागर तालाब बस्तर संभाग ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का सबसे बड़ा तालाब है, यह 385 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है । यह तालाब जलकुंभी और अन्य जलीय वनस्पतियों से भर चुका है । इससे पहले भी तालाब को जलकुंभी से मुक्त करने कई प्रयास किए जा चुके हैं, किंतु कार्य सफल नहीं हो पाया। दलपत सागर तालाब को कुंभी और जलीय वनस्पतियों से मुक्त रखने के उद्देश्य से पहले भी चार बार अभियान चलाया जा चुका है, जलकुंभी और कचरे के कारण इस तालाब का पानी दूषित हो चुका है । इस हेतु अब तक करोड़ों रुपये खर्च किये जा चुके हैं । वर्तमान में पुन: उसी पुराने ढर्रे से कुंभी और जलीय वनस्पतियों काे निकालने का कार्य पुन: शुरू कर दिया गया है। लेकिन दलपत सागर तालाब के स्वच्छता के लिए जब तक शहर के नालियाें का गंदा पानी काे सीधे तालाब में जाने से राेकना एवं नालियों के गंदे पानी को यहां निर्मित ट्रीटमेंट प्लांट में भेजे जाने की व्यवस्था है, जहां ट्रीटमेंट प्लांट में पानी के ट्रीटमेंट के बाद वापस साफ पानी दलपत सागर में भेजा जाना है, लेकिन इस प्रक्रिया को लगभग भुला दिया गया है । ट्रीटमेंट प्लांट से पानी साफ होकर जब तक दलपत सागर तालाब में नहीं पहुंचेगा तब तक दलपत सागर की स्वच्छता के संबंध में विचार किया जाना एक दिवा-स्वप्न के समान होगा। इसके साथ ही यह आवश्यक है कि दलपत सागर से सबसे पहले पूरी तरह से जलकुंभी एवं जलीय वनस्पतियों को निकाल कर उसे जलकुंभी मुक्त करने के बाद अच्छी गुणवत्ता का एवं बड़ी हार्वेस्टर मशीन से प्रतिदिन दलपत सागर में पनपने वाले जलकुंभी एवं जलीय वनस्पतियों को निकालने का कार्य नहीं किया जाएगा तब तक दलपत सागर की सफाई का कार्य संभव ही नहीं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे