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साउथ अभिनेता धनुष ने साल 2013 में फिल्म 'रांझणा' के जरिए हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। इस फिल्म में उनके साथ सोनम कपूर नजर आई थीं और दोनों की केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बेहतरीन प्रदर्शन किया और इसके गाने, संवाद और कलाकारों की अदाकारी आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।
'रांझणा' को आज भी बॉलीवुड की कल्ट क्लासिक्स में शुमार किया जाता है। हाल ही में इस फिल्म को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक की मदद से एक नए क्लाइमेक्स के साथ दोबारा रिलीज़ किया गया है, जिससे दर्शकों को एक ताज़ा और अलग अनुभव मिला है।
फिल्म 'रांझणा' के ओरिजिनल क्लाइमैक्स में कुंदन की मौत एक भावनात्मक मोड़ लेकर आती है, जो दर्शकों के दिल को छू जाती है। लेकिन हाल ही में एआई तकनीक की मदद से फिल्म का अंत बदल दिया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि कुंदन मरता नहीं, बल्कि एक चमत्कारी रूप से फिर से जीवित हो जाता है। इस नए क्लाइमेक्स को देखकर अभिनेता धनुष ने अपनी नाखुशी जाहिर की है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट में लिखा, 'रांझणा' के एआई-बदले हुए क्लाइमेक्स को देखकर बेहद दुख हुआ। यह वह फिल्म नहीं है जिसके लिए मैंने 12 साल पहले दिल से काम किया था। इस बदलाव से फिल्म की आत्मा ही खो गई है। सबसे ज़्यादा तकलीफ़ इस बात की है कि मेरे विरोध के बावजूद यह बदलाव लागू कर दिया गया। धनुष की इस प्रतिक्रिया से साफ है कि उन्होंने इस क्लासिक फिल्म को सिर्फ एक किरदार की तरह नहीं, बल्कि एक कलाकार के जुनून के तौर पर जिया था।
धनुष ने अपनी नाराज़गी जताते हुए आगे लिखा, किसी फिल्म की मूल थीम, उसकी भावनात्मक गहराई या किसी खास दृश्य में एआई से छेड़छाड़ करना, उस पूरी कलाकृति की आत्मा को खत्म करने जैसा है। यह न केवल रचनात्मकता का अपमान है, बल्कि उस फिल्म की विरासत के लिए भी एक गंभीर खतरा बन सकता है। मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में इस तरह की अनुचित तकनीकी हस्तक्षेप को रोकने के लिए सख्त नियम और कानून बनाए जाएंगे। उनका यह बयान सिर्फ 'रांझणा' से जुड़ा विरोध नहीं, बल्कि तेजी से बदलती तकनीक और सिनेमा के भविष्य पर एक गहरी चिंता भी जाहिर करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश चंद्र दुबे