पटना के एक मात्र डबल डेकर रोड को लेकर पुल निर्माण विभाग ने दी सफाई,पूरी तरह सुरक्षित है
बिहार पथ निर्माण विभाग की तस्वीर


पटना, 04 अगस्त (हि.स.)।राजधानी पटना के अशोक राजपथ पर 422 करोड़ रुपये की लागत से बने बिहार के पहले डबल डेकर पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 11 जून 2025 को किया था। इस पुल का उद्देश्य पटना के व्यस्त इलाकों जैसे पीएमसीएच, साइंस कॉलेज, और पटना यूनिवर्सिटी के आसपास ट्रैफिक जाम की समस्या को कम करना था। हालांकि, उद्घाटन के महज 53 दिन बाद ही इस पुल की सड़क सतह पर दरारें आने लगीं, जिससे आम जनता और विशेषज्ञों में चिंता बढ़ गई है।

इस घटना पर बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग ने सफाई दी है।

इस संबंध में रोड कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट (आरसीडी) बिहार सरकार और बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड (बीआरपीएनएलएल) ने अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। विभाग ने सोमवार सुबह सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि कई न्यूज चैनल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पुल के क्षतिग्रस्त होने की खबरें तेजी से फैल रही थीं। लगातार मूसलाधार बारिश के कारण पुल की सतह पर बने डामर की ऊपरी परत के एक छोटे हिस्से में आंशिक स्लीपेज हुआ है। इसका मतलब यह है कि डामर की सतह पर फिसलन या छोटी दरारें आई हैं, जो केवल सड़क की ऊपरी परत तक सीमित हैं।

पथ निर्माण विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि पुल की संरचना पूरी तरह सुरक्षित है और इसका मूल ढांचा या निर्माण गुणवत्ता प्रभावित नहीं हुई है। मरम्मत कार्य तुरंत शुरू कर दिया गया है ताकि यह समस्या जल्द से जल्द दूर की जा सके। यह पुल दो स्तरों में बनाया गया है। निचला स्तर (टियर-1) पटना कॉलेज से बीएन कॉलेज तक लगभग 1.45 किलोमीटर लंबा है, जबकि ऊपरी स्तर (टियर-2) कारगिल चौक से शुरू होकर पटना साइंस कॉलेज होते हुए शताब्दी द्वार तक 2.2 किलोमीटर फैला है। इस पुल के बन जाने से उम्मीद थी कि यह पटना शहर के भारी ट्रैफिक को बेहतर तरीके से संभालेगा और आने-जाने में सुगमता लाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी