12 किलोमीटर दूर मिला बनास पुलिया से बही बालिका का शव, रूपारेल नदी से बही मां-बेटी के शव थे दस कदम दूर
चित्तौड़गढ़, 31 अगस्त (हि.स.)। जिले के राशमी क्षेत्र में पांच दिन पूर्व बनास नदी पुलिया से बही बालिका का शव रविवार को मिला है। बालिका का शव बह कर करीब 12 किलोमीटर दूर तक चला गया था। इसके बाद सभी ने राहत की सांस ली तथा रेस्क्यू अभियान भी रोक दिया गया।
चित्तौड़गढ़ जिले में चल रहे रेस्क्यू अभियान के दौरान तलाशी करते टीम।


चित्तौड़गढ़, 31 अगस्त (हि.स.)। जिले के राशमी क्षेत्र में पांच दिन पूर्व बनास नदी पुलिया से बही बालिका का शव रविवार को मिला है। बालिका का शव बह कर करीब 12 किलोमीटर दूर तक चला गया था। इसके बाद सभी ने राहत की सांस ली तथा रेस्क्यू अभियान भी रोक दिया गया। इधर, पारसोली में रूपारेल नदी में बही मां-बेटी के शव भी तीसरे दिन मिले हैं। दोनों के शव पुलिया से मात्र दस कदम दूर ही थे लेकिन रेत के नीचे दब गए, जिससे ढूंढने में परेशानी हुई।

जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि बनास नदी पर बने पुराने पूल पर मंगलवार मध्य रात्रि को नदी के तेज बहाव कार बह गई थी। इस घटना में लापता हुई बालिका रूत्वी की तलाश एसडीआरएफ के एक्सपर्ट गोताखोरों द्वारा लाईन कॉम्बिंग कर घटना स्थल से 12 से 15 किमी तक नदी में बच्ची की तलाश की गई। वहीं उदयपुर रेंज मुख्यालय से मंगाए गए हाई रेजोल्यूशन एवं बड़ी दूरी की दृश्यता वाले ड्रोन की मदद से पूरी नदी में बारीकी से निरीक्षण किया। तलाशी के लिए चित्तौड़गढ़ के भोईखेड़ा से भी एक्सपर्ट गोताखोर को बुला कर तलाश करवाई गई। यहां तक सिविल डिफेंस की टीम भी लगातार तलाश में जुटी हुई थी। बालिका की तलाश रविवार को दिन भर जारी रही। हादसे के छठे दिन बालिका रूत्वी का शव घटनास्थल से 12 किलोमीटर दूर रतनखेड़ी एनीकट से हाकम सिंह के नेतृत्व में एसडीआरएफ की टीम ने ढूंढ निकाला।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सांखला ने बताया कि जिला प्रशासन व पुलिस, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस टीम, नजदीकी ग्रामवासियों, उपरेड़ा के जब्बार व स्थानीय लोगो की तरफ से लापता बालिका को खोजने के लिए सभी स्टेक होल्डर्स की मदद से ठोस प्रयास किए। मातृकुण्डिया बांध से लगातार पानी छोड़े जाने की वजह से शव ढूंढने में परेशानियां आई। फिर भी सभी के सहयोग से बालिका के शव को ढूंढने में सफलता मिली। बालिका के शव को ढूंढने में सभी स्टेक होल्डर्स के साथ आसपास के ग्राम वासियों के सहयोग रहा, क्योंकि उनकी सहायता के बिना इतना बड़ा सर्च अभियान संभव नहीं था। जिला पुलिस ने बालिका को खोजने वाले सभी सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है। बालिका की पहचान की जाकर शव को परिजनों को सिपुर्द कर दिया गया है। तलाशी के दौरान मौके पर एसडीआरएफ टीम के अलावा, एसडीएम, तहसीलदार, डीएसपी गंगरार, पुलिस निरीक्षक जोधाराम गुर्जर व रमेश मीणा भी उपस्थित रहे।

पास में ही थे मां-बेटी के शव

इधर, बेगूं उपखंड क्षेत्र में 29 अगस्त को हुए हादसे में रविवार को मां-बेटी के शव ढूंढ निकाले। बेगूं उपखंड क्षेत्र के पारसोली थानातर्गत में चौसला पुलिया पर 29 अगस्त को बाइक सवार 5 जने रूपारेल नदी में बह गए थे। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए तीन को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था। वहीं मैना प्रजापत और इसकी 8 वर्षीय बेटी रिया की तलाश जारी थी। दोनों तलाश में एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस और स्थानीय गोताखोरों की टीम कर रही थी। भादवी छठ पर सारण गांव में देवरे पर दर्शन कर घासीलाल प्रजापत निवासी हाड़ा का खेड़ा, अपनी पत्नी, बेटी और दोहिते–दोहिती के साथ वापस अपने गांव लौट रहा था। तभी पुलिया से बाइक बह गई। इसमें घासीलाल, इसकी पत्नी और दोहिते को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। वही मैना प्रजापत 30 और इसकी बेटी रिया पानी के बहाव में बह गई। इधर, रेस्क्यू ऑपरेशन में हाई रेजोल्यूशन ड्रोन का भी सहारा लिया गया। हादसे के तीसरे दिन रविवार को एसडीआरएफ टीम ने दोनों के शव ढूंढ निकाले। पारसोली थानाधिकारी शिवराज राव ने पुलिस टीम के साथ शवों को कब्जे में लेकर पारसोली चिकित्सालय की मोर्चरी में पहुंचाया। तीन दिनों से चल रहे इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर एसडीएम अंकित सामरिया, डीएसपी अंजलि सिंह हर समय नजर बनाए हुए थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल