Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
सोनीपत, 3 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा
में जल संरक्षण और जलाशयों के पुनर्जीवन को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। मुरथल
स्थित दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी) ने हरियाणा
तालाब प्राधिकरण के साथ मिलकर राज्य के तालाबों और जोहड़ों के संरक्षण, नियोजन व विकास
में तकनीकी सहयोग देने का निर्णय लिया है। इस साझेदारी से न केवल पर्यावरणीय संतुलन
में सुधार होगा, बल्कि विद्यार्थियों को भी व्यवहारिक प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा।
कुलगुरु
प्रकाश सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय सामाजिक जिम्मेदारी के अंतर्गत जलाशयों के पुनरुद्धार
में तकनीकी दक्षता से योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय
में तालाब प्राधिकरण के प्रमुख सलाहकार प्रभाकर कुमार वर्मा की उपस्थिति में रविवार काे एक बैठक
आयोजित की गई। बैठक में सिविल इंजीनियरिंग, वास्तुकला व पर्यावरण विभाग के साथ समन्वय
की योजना बनाई गई। बैठक
में तय हुआ कि पहले चरण में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी व शिक्षक उन गांवों का सर्वेक्षण
करेंगे, जहां जलाशयों का कार्य पूर्ण हो चुका है या चल रहा है। ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
और कार्य की गुणवत्ता का आकलन कर रिपोर्ट प्राधिकरण व सरकार को भेजी जाएगी। साथ ही
जलाशयों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांचने के लिए शिक्षकों व विशेषज्ञों की टीम
बनाई जाएगी।
एक जलाशय
जीर्णोद्धार उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का विचार भी रखा गया, जो जलाशयों, भूमिगत
जल व संबंधित भूमि विकास में शोध कर सकेगा। सलाहकार प्रभाकर वर्मा ने बताया कि प्राधिकरण
के पोर्टल पर दर्ज 19871 तालाबों में से 11022 प्रदूषित हैं, जिनमें से 6542 को कार्य
योजना में लिया गया है। सोनीपत जिले के 311 तालाबों में 29 पर कार्य पूर्ण हो चुका
है, जबकि 5 पर कार्य प्रगति में है। विश्वविद्यालय पहले से कई योजनाओं में अपनी तकनीकी
सेवाएं दे रहा है और आगामी कार्यों के लिए भी सक्रिय रूप से जुड़ रहा है।
विश्वविद्यालय
के कुलगुरु प्रो. श्रीप्रकाश सिंह ने सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट, आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट,
एनवायरनमेंट डिपार्टमेंट को यह आदेश दिए की इन कार्यों को कटिबंध तरीके से किया जाए
बैठक में उपस्थित जलाशय प्राधिकरण के विश्वविद्यालय कोऑर्डिनेटर प्रोफेसर विजय कुमार
शर्मा ने बताया कि जिला सोनीपत के जोहड़ के विकास कार्यों में पहले से ही विश्वविद्यालय
सेवाएं प्रदान कर रहा है। विश्वविद्यालय आर्किटेक्चर विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर रवि
वैश्य विद्यार्थियों द्वारा किए जाने वाले सर्वे कार्य का एक वृहद नियोजन तैयार करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना