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लखनऊ, 03 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मिशन शक्ति अभियान ने जहां एक ओर महिलाओं में सुरक्षा का अहसास कराया, वहीं दूसरी ओर उनके समाज की मुख्य धारा से जोड़कर स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाया। पिछले आठ वर्षों में पिंक बूथ, महिला बीट आरक्षियों की तैनाती, सीसीटीवी निगरानी, महिला हेल्पलाइन 1090 को सशक्त किया और पूरे प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नया विश्वास कायम किया।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि वर्ष 2017 से पहले तो प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की स्थिति बेहद चिंताजनक थी। महिला अपराधों के मामले में प्रदेश शीर्ष पर गिना जाता था। उस दौरान प्रदेश में यह स्थिति थी कि बहन-बेटियों घरों से निकलने में कतराती थीं। वहीं मां-बाप बेटियों को कहीं अकेले नहीं जाने देते थे क्योंकि उस दिनों में महिलाओं से छेड़छाड़ और बलात्कार, हत्या आमबात थी। विभिन्न रिपोर्ट्स और समाचारों के अनुसार छेड़छाड़, बलात्कार, घरेलू हिंसा और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की घटनाएं प्रतिदिन सामने आ रही थीं।
वर्ष 2017 में प्रदेश की कमान संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला सुरक्षा को लेकर विभिन्न ठोस कदम उठाए। सरकार ने महिला सशक्त तो समाज सशक्त की थीम पर काम करना शुरू किया। आज उसी का नतीजा है कि उत्तर प्रदेश ने महिला सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई लकीर खींची है, जो देश के विभिन्न राज्यों के लिए एक मॉडल बन गया है।
योगी सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश पूरे देश में महिला संबंधी अपराधों पर लगाम लगाने एवं मामलों के निस्तारण में प्रथम स्थान है। वर्तमान में सीसीटीवी निगरानी, महिला हेल्पडेस्क, स्पेशल पिंक पेट्रोलिंग, सख्त कानूनी कार्रवाई और व्यापक जागरूकता कार्यक्रमों से प्रदेश में महिलाओं का भरोसा मजबूत हुआ है।
32,291 व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई
योगी सरकार ने अराजक तत्वों और मनचलों के खिलाफ सख्त एक्शन के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड अभियान चलाया, जो वर्तमान में भी संचलित है। अभियान के तहत अब तक 1,08,85,450 स्थानों पर चेकिंग की गई, जिससे 4,00,58,462 लोगों को चेतावनी दी गई। वहीं 24,009 मामले दर्ज किये गये और 32,291 व्यक्तियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई हुई। साथ ही 1,47,04,311 लोगों को अभियान के माध्यम से चेताया गया।
प्रदेशभर के थानों में 8,381 महिला बीट गठित की गईं और 19,839 महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती हुई। मिशन शक्ति के तहत 3,93,442 बीट भ्रमण किए गए, जिसमें 3,82,789 शिकायतों का निस्तारण किया गया। महिला अपराधों से संबंधित 2,73,644 पीड़िताओं से संपर्क कर 2,40,305 को सहायता दी गई, जबकि 3,61,001 मामलों में न्यायालयीन कार्यवाही सुनिश्चित की गई।
सड़क से सोशल मीडिया तक महिला सुरक्षा काे किया पुख्ता
यूपी पुलिस ने महिला सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए 66,889 दुकानों एवं स्थानों की चेकिंग के दौरान आपत्तिजनक सामग्री जब्त की और 748 लोगों पर कार्रवाई की। ऑपरेशन गर्ल्स के तहत 2,597 साइबर अपराधों से संबंधित पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 2407 का निस्तारण किया गया।
पिंक बूथों की स्थापना से महिलाएं रात को भी सुरक्षित महसूस कर रही हैं। महिला पीआरवी दस्ते बेटियों को सुरक्षित घर पहुंचाने में सहायक बन रही हैं। महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की 26,61,537 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 26,46,191 का निस्तारण किया जा चुका है। महिला पुलिस अधिकारियों ने गांवों व पंचायतों में पहुंचकर जागरूकता फैलाई गई। इस दौरान 3,87,800 पंपलेट वितरित किए गए जबकि 11,28,763 ऑनलाइन, सॉफ्ट कॉपियां प्रचारित की गईं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर मिशन शक्ति से संबंधित पोस्ट 37,70,800 लोगों तक पहुंचाए गए।
महिला बीट आरक्षी बनीं महिलाओं की सुरक्षा सहेली
महिला बीट और पिंक बूथ के जरिये महिला बीट आरक्षियों ने 79,771 पीड़ित महिलाओं से मुलाकात कर उन्हें काउंसलिंग दी। इस दौरान 1,17,998 महिलाओं के परिजनों से संपर्क कर सहयोग किया गया। पुलिस ने अभियान चलाकर संवेदनशील और डार्क स्पॉट को चिन्हित किया गया। इस स्थानों पर चौबीस घंटे पीआरवी को एक्टिव किया गया। वहीं, महिला सुरक्षा में सबसे अहम भूमिका सीसीटीवी ने निभायी।
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हिन्दुस्थान समाचार / दीपक