वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से दशाश्वमेध, अस्सी घाट जलमग्न
गंगा का जल सड़क तक पहुंचने पर उससे गुजरते लोग (वीडियो से ली गई फोटो)


वाराणसी, 03 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में रविवार की सुबह 7 बजे तक गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर काे

पार 71.60 मीटर पर पहुंच गया। खतरे के निशान पार करते ही गंगा नदी का पानी अस्सी घाट से शहर के चौराहे और मुख्य मार्ग पर पहुंच गया। वहीं दश्वाशमेध घाट भी पूरी तरह से नदी में आए उफान में डूब गया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से आसपास की गलियों में लोगों के घरों में पानी घुस गया।बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र के विद्युत काटने के साथ युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुट गई है।

वाराणसी में गंगा के जलस्तर के बढ़ने के कारण अस्सी घाट से अस्सी चौराहा मार्ग पूरी तरह से प्रभावित है। स्थानीय लोगों को अपने घरों से निकलकर बाजार जाने आने में कठिनाई हो रही है। अस्सी निवासी डॉ वन्दना ने बताया कि गंगा नदी का पानी सड़क तक आ जाने से वाहनों को निकालने में बेहद कठिनाई हो रही है। स्कूल जाने वाले बच्चों को लाने और पहुंचने वाले वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर जिला प्रशासन से अपील है कि प्रबंधन टीम को इस क्षेत्र में सक्रिय करें।

दशाश्वमेध घाट के आसपास की गलियों में गंगा का जल भर गया है और लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने में कठिनाई आ रही है। दुकानें बंद हैं। गली में घाट की तरफ बने मकानों में पानी प्रवेश कर गया है। चाय दुकानदार गोपाल के अनुसार वाराणसी में सन् 1978 में गंगा का जलस्तर सबसे अधिक 73.90 मीटर पर आया था। तब दशाश्वमेध घाट से गोदौलिया तक नाव चली थी। इस दूरी में करीब चार सौ मकान और दुकान हैं, जाे वर्तमान

में गंगा में आए उफान से प्रभावित हुए हैं।

इसी तरह वाराणसी में पर्यटकों के पसंदीदा स्थान नमो घाट भी जलमग्न होने से बाहर से आने वाले पर्यटकों को मायूस होना पड़ रहा है। यहां तक की गंगा नदी के किनारे बने हुए पर्यटक पुलिस बूथ भी पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र