सावन माह के चौथे सोमवार की पूर्व संध्या पर काशी नगरी हुई केशरियामय
श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में उमड़ा आस्था का सैलाब


बाढ़ और बारिश के बीच लाखों शिवभक्त और कांवड़िए बाबा विश्वनाथ के दर पर लगा रहे हाजिरी

वाराणसी,03 अगस्त (हि.स.)। सावन मास के चौथे व आखिरी सोमवार के एक दिन पूर्व ही रविवार को उत्तर प्रदेश की काशी नगरी (वाराणसी) केशरियामय हो गई है। बाढ़ और बारिश के बीच लाखों शिवभक्त और कांवड़िए काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दर पर जलाभिषेक के लिए अलसुबह से ही आ रहे हैं। शहर के प्रवेश मार्गों से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले सभी मार्ग पर हर-हर महादेव और बोल बम-बम..... से गूंज रहे हैं।

बाबा विश्वनाथ के दरबार में भोर मंगलाआरती के बाद मंदिर का पट खुलते ही दर्शन पूजन का सि​लसिला अनवरत चल रहा है। श्रद्धालु और कांवड़िए दशाश्वमेधघाट पर गंगा स्नान के लिए लगातार आ रहे हैं। यहां गंगा का जलस्तर बढ़ने से मुस्तैद एनडीआरएफ के जवान श्रद्धालुओं और कांवड़ियाें सुरक्षित स्थान पर स्नान के लिए सतर्क कर रहे हैं।

बताते चलें कि इस बार सावन का चौथा और आखिरी सोमवार खास सर्वार्थ सिद्धि योग के संयोग लेकर आ रहा है। इस दिन चंद्र अनुराधा नक्षत्र और चित्रा नक्षत्र से वृश्चिक राशि में संचार करेंगे। दिन में ब्रह्म और इंद्र योग भी है। ऐसे सुखद संयोगों के बीच परम्परानुसार श्री काशी विश्वनाथ के पावन ज्योर्तिलिंग का रूद्राक्ष श्रृंगार होगा। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक, भोर मंगला आरती के बाद शिवभक्तों पर फूल बरसाने की तैयारी की गई है। मंदिर में शिवभक्त रेड कार्पेट पर चलकर जाएंगे। रविवार देर शाम से ही शिवभक्त और कांवड़िए बैरिकेडिंग में कतारबद्ध होने लगेंगे। इसके पहले सावन मास के पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा स्वरूप, दूसरे सोमवार को गौरी शंकर (शंकर-पार्वती) स्वरूप, तीसरे सोमवार को अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में शृंगार किया गया था। अब श्रावणी पूर्णिमा पर बाबा विश्वनाथ का झूला शृंगार किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी