झज्जर : राष्ट्रीय मित्रता दिवस पर कवियों ने किया मित्रता का गुणगान
राष्ट्रीय मित्रता दिवस पर इकट्ठे हुए कविगण।


झज्जर, 3 अगस्त (हि.स.)। जिला के गांव नूनामाजरा में रविवार को अखिल भारतीय साहित्य परिषद की जिला इकाई की ओर से राष्ट्रीय मैत्री दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में कवियों ने मित्रता का अपने-अपने ढंग से बहुत रोचक गुणगान किया।

राष्ट्रीय मित्रता दिवस के उपलक्ष में निकटवर्ती गांव नूनामाजरा में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। संस्था के जिला संरक्षक कृष्ण गोपाल विद्यार्थी और जिलाध्यक्ष विरेन्द्र कौशिक के सानिध्य में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता गुरुग्राम से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार त्रिलोक कौशिक ने की। इस अवसर पर उपस्थित रहे रचनाकारों डॉ मंजु दलाल,जगबीर कौशिक,अनिल भारतीय, मोहित कौशिक के अलावा पवन कुमार व शिवम् ने सभी को मैत्री दिवस की शुभकामनाएं देते हुए अपनी कविताओं के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के संयोजक विरेन्द्र कौशिक द्वारा अतिथि कवियों का आभार जताने के साथ काव्य गोष्ठी का समापन हुआ।

काव्य गोष्ठी में कवि त्रिलोक कौशिक ने कहा कि जिस नदिया में पानी काला, पत्थर काले बाकी हैं। उस नदिया में सबकी खातिर, कई उजाले, बाकी हैं। आंगन धोकर चली गई है बारिश कल फिर,सच है ये दीवारों पर आगजनी के, धब्बे काले बाकी हैं। बहादुरगढ़ के गीतकार कृष्ण गोपाल विद्यार्थी बोले, मत कर यहां बिगड़े हुए हालात की बातें।लाशों को क्या समझाएगा जज़्बात की बातें। कवि वीरेंद्र कौशिक ने मित्रता को इश्क बाजी से जोड़ते हुए कहा 'मेरा जीवन तार तार हो गया।तलवार की वो धार हो गया। नादां उम्र में किसी बेवफा से, मुझको बहुत प्यार हो गया। हरियाणवी कवि जगबीर कौशिक ने मां की पवित्रता पर बल दिया - नहाया धोया सेंट लगाया मन का धोया मैल नहीं।जो भीतर का काला हो वो किसै काम का छैल नहीं।।अनिल भारतीय गुमनाम ने दोस्ती के प्यार में डूबते हुए कहा- यूं तो हूं गुमनाम सा प्यारा बादल मैं। तेरे खालिस प्रेम में हो गया पागल मैं।। मोहित कौशिक ने महंगाई पर संजय करते हुए कहा - हम ने जिम्मेदारियों की ऐसी राह चुनी है। घर की हर एक ख्वाहिश बन्दूक सी तनी है। माँ की दवाई ने निवाला छोटा कर दिया, बच्चे की तालीम जान की दुश्मन बनी है। कवयित्री डॉक्टर मंजू दलाल बोली - हर पल आजकल नज़ारे हैं तुम्हारे। चलती हैं धड़कनें भी इसी सोच के सहारे।।

हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज