राेहतक: लिवर व किडनी के मरीजों की अंगदान से बचाई जा सकती है जान
अंगदान को लेकर जागरूकता रैली निकालते चिकित्सक


रक्तदान की तरह अंगदान के लिए फैलाएं जागरूकता : कुलपति

रोहतक, 3 अगस्त (हि.स.)। पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय की चौधरी रणबीर सिंह ओपीडी में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन सोटो द्वारा रविवार को राष्ट्रीय अंगदान दिवस मनाया गया। लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने के लिए ओपीडी से मेडिकल मोड तक एक जागरूकता रैली निकाली गई। इस अवसर पर कुलपति डॉ.एचके अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि निदेशक डॉ.एस.के. सिंघल, डीन डॉ. अशोक चौहान उपस्थित हुए।

कुलपति अग्रवाल ने कहा कि आज का समय अंगदान के प्रति जागरूकता लाने का समय है। एक समय था जब रक्तदान के प्रति काफी भ्रांतियां थी और लोग रक्त मांगने पर वहां से गायब हो जाते थे। अब लोगों की भ्रांतियां दूर हुई तो लोग लाइन में लगकर भी रक्तदान करने स्वयं जाते हैं। उन्होंने कहा कि देहदान के प्रति भी लोगों में जागरूकता आई है, इसी प्रकार हमें अंगदान के प्रति भी जागरूकता लानी होगी। सोटो विभाग को भी अंगदान के प्रति एक बडा अभियान चलाकर गांव के स्तर पर लोगों को जागरूक करना चाहिए। डॉ. एचके अग्रवाल ने कहा कि आज यहां वो लोग भी आएं हैं जिन्हें स्वयं या उनके किसी परिजन को किसी अंग की जरूरत है, ऐसे में उनसे ज्यादा अंग के महत्व को कौन समझ सकता है। ऐसे में हमें अधिक से अधिक लोगों को बताना चाहिए कि अंग किसी फैक्ट्री में नहीं बनते इसलिए ब्रेन डैड कि स्थिति में और मरणोपरांत अंगदान अवश्य करवाएं।

निदेशक डॉ.एसके सिंघल ने कहा कि लोगों को किडनी व लीवर की समस्या काफी ज्यादा आ रही हैं, इसलिए हमें अधिक से अधिक लोगों को बताना चाहिए कि हमारा शरीर मिट्टी में मिल जाना है, ऐसे में हमें अंगदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नर्सिंग स्टाफ व अन्य मेडिकल कर्मियों को वार्ड या इमरजेंसी में किसी मरीज की मृत्यु होने पर वहां उपस्थित परिजनों को सांत्वना देते हुए उन्हें नेत्रदान के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। डॉ. सिंघल ने कहा कि उनके परिजनों को बताएं कि हम कैसे मरने के बाद भी जीवित रह सकते हैं। ओपीडी से मेडिकल मोड तक निकाली गई जागरूकता रैली में अंगदान के लिए रजिस्टर्ड मरीजों व उनके परिजनों को आमंत्रित किया गया था ताकि समाज में एक अच्छा संदेश दिया जा सके कि आज इन्हें जरूरत है तो कल किसी और को अंगदान की जरूरत पड़ सकती है, ऐसे में हमें ब्रेन डैड व मरणोपरांत अंगदान अवश्य करवाना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / अनिल