जवाहर कला केंद्र में मेघ उत्सव में मूरालाला मारवाड़ा की कबीर वाणी ने बांधा समा
जवाहर कला केंद्र में मेघ उत्सव में मूरालाला मारवाड़ा की कबीर वाणी ने बांधा समा


जयपुर, 3 अगस्त (हि.स.)। जवाहर कला केंद्र में चल रहे मेघ उत्सव के अंतिम दिन रविवार को विश्व प्रसिद्ध कबीर सूफी गायक मूरालाला मारवाड़ा की मनमोहक प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को आत्मविभोर कर दिया। गुजरात के कच्छ क्षेत्र से पधारे मूरालाला ने कबीर की वाणी को अपनी विशिष्ट लोक-सूफी शैली में प्रस्तुत कर माहौल को आध्यात्मिक रस और संगीतमय भावनाओं से भर दिया।

‘मन लागा मेरे यार फकीरी में’, ‘झीनी-झीनी बीनी चदरिया’ जैसे कालजयी पदों के साथ-साथ मीरा बाई के भजनों की गायन प्रस्तुति ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुति में लोक, सूफी और भक्ति का जो अनूठा संगम देखने को मिला, उसने मेघ उत्सव को एक यादगार अनुभव में बदल दिया।कार्यक्रम की शुरुआत से ही संगीत प्रेमियों की उत्साही उपस्थिति देखने को मिली और समापन तक सभागार तालियों की गूंज से गूंजता रहा।

इस अवसर पर डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की अध्यक्ष श्रेया गुहा (आईएएस), रेरा चेयरपर्सन श्रीमती वीनू गुप्ता, पूर्व मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, प्रमुख महालेखाकार सतीश गर्ग, राजीविका की परियोजना निदेशक श्रीमती नेहा गिरी, भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी कविता सिंह एवं निशांत जैन सहित अनेक प्रतिष्ठित अतिथि उपस्थित रहे।

श्रेया गुहा ने बताया कि मेघ उत्सव का आयोजन मानसून के स्वागत और राजस्थान की समृद्ध लोक-संस्कृति के उत्सव रूप में किया गया। इस दो दिवसीय सांस्कृतिक समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से आए विश्वविख्यात कलाकारों ने शिरकत की।

उत्सव का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के उत्तरी क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (पटियाला), पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (उदयपुर), जवाहर कला केंद्र एवं राजीविका के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में समाज, प्रशासन, राजनीति, मीडिया, शिक्षा और संस्कृति जगत की अनेक प्रमुख हस्तियों के साथ बड़ी संख्या में कला प्रेमियों की उपस्थिति रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश