अभियंता लोकेश ठाकुर व हीरा लाल वर्मा के खिलाफ कार्रवाई से खफा बिजली बोर्ड संयुक्त फ्रंट, होगा विशाल प्रदर्शन
बिजली बोर्ड लिमिटेड कर्मचारी, अभियंता वर्ग व पेंशन फोरम की संयुक्त संघर्ष समिति।


मंडी, 03 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड के कर्मचारी, अभियंता वर्ग व पेंशन फोरम की संयुक्त संघर्ष समिति ने बोर्ड में कुप्रबंधन को गंभीर आरोप लगाते हुए प्रबंधन व सरकार के खिलाफ विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है। इसे लेकर मंडी में हुई प्रेस वार्ता में संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष इंजीनियर ए.एस. गुप्ता और अन्य पदाधिकारियों ने बोर्ड में व्याप्त अराजकता और कुप्रबंधन को लेकर जानकारी देते हुए कहा कि समिति के संयोजक इंजीनियर लोकेश ठाकुर व सहसंयोजक हीरा लाल वर्मा के खिलाफ जो अनुशासनहीनता की कार्रवाई की गई है इसे किसी भी हालत में सहन नहीं किया जाएगा। यह संविधान में प्रदत अधिकारों का उल्लंघन है। इसे तत्काल वापस लिया जाए।

संयुक्त संघर्ष समिति का कहना है कि बोर्ड में व्याप्त कुप्रबंधन के खिलाफ अब पूरे प्रदेश के कर्मचारी, अभियंता व पेंशनर एक जुट हो गए हैं और 7 अगस्त को शिमला में विशाल राज्य स्तरीय प्रदर्शन होगा। इससे पहले यदि बोर्ड प्रबंधन या सरकार ने उनकी चिरकालीन मांगों को मान कर अमल में नहीं लाया तो सरकार को पहले किए गए प्रदर्शन से भी बड़ा प्रदर्शन का सामना करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।

समिति का कहना है वह युक्तिकरण के खिलाफ नहीं है मगर इसकी आड़ में जिस तरह से पदों को खत्म किया जा रहा है यह सहन नहीं होगा आरोप लगाया कि कुप्रबंधन के कारण बोर्ड लगातार घाटे में जा रहा है। सरकार को गुमराह किया जा रहा है। केवी स्टेशनों के रख रखाव को लेकर भी उचित कदम उठाए नहीं जा रहे हैं। बिजली पर अनुदान केवल गरीबी की रेखा से नीचे वालों को ही दिया जाना चाहिए। बंद मीटरों को चालू करके बकाया उगाही की जानी चाहिए व फिजूलखर्ची पूरी तरह से बंद की जानी चाहिए। सरकार और कर्मचारियों के बीच 2010 में जो समझौता हुआ है उसका पालन किया जाना चाहिए, बोर्ड प्रबंधन जो कर्मचारियों व पेंशनरों को लेकर निर्णय ले रहा है यह सब प्रदेश के लगभग 28 लाख उपभोक्ताओं के हितों के लिए हानिकारक हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा