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शिमला, 04 अगस्त (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मॉनसूनी बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य के अधिकतर हिस्सों में रविवार रात से सोमवार सुबह तक जोरदार बारिश हुई। इससे जनजीवन पर असर पड़ा है। मौसम विभाग ने आज ऊना, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी हुआ है। कल पांच अगस्त को भी ऑरेंज और येलो अलर्ट रहेगा, वहीं 6 से 8 अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
कुल्लू जिला के मनाली सहित आस पास के क्षेत्रों में भारी बारिश का दौर जारी है। इसे देखते हुव मनाली के एसडीएम ने मनाली उपमण्डल में आज शिक्षण संस्थानों में अवकाश घोषित किया है।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बीती रात सोलन जिले के कसौली में सबसे ज्यादा 82 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा बिलासपुर के नैना देवी में 62 मिमी, मंडी के जोगेंद्रनगर में 60, ब्राहमणी में 49, मनाली में 45, गुलेर में 29, पंडोह में 27, करसोग में 26, सराहन में 25 और शिमला में 22 मिमी बारिश दर्ज की गई।
309 सड़कें ठप, नेशनल हाईवे पर भी भूस्खलन
भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश में सड़क यातायात सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। सोमवार सुबह तक राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में एक नेशनल हाईवे सहित 309 सड़कें बंद पड़ी हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 171 सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि कुल्लू में 67, कांगड़ा में 25, चंबा में 21 और ऊना में 13 सड़कें बंद हैं। कुल्लू जिले में एनएच-305 डेड खनग के पास भूस्खलन के चलते ठप पड़ा है।
पानी-बिजली की स्कीमों पर भी असर
भूस्खलन और बारिश से राज्यभर में 113 बिजली ट्रांसफार्मर और 236 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। मंडी जिले में 91 ट्रांसफार्मर और 74 पेयजल स्कीमें बंद पड़ी हैं, जबकि चंबा में 88 और कांगड़ा में 60 पेयजल योजनाएं बाधित हैं।
मंडी के सिराज में हादसा, तीन की मौत
भारी बारिश से आपदा प्रभावित मंडी जिले के सिराज क्षेत्र के जंजैहली थाना अंतर्गत मगरूगला में बीती रात एक ऑल्टो कार खाई में गिर गई। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग घायल हुए हैं। हादसे की सूचना सुबह मिली और घायलों को जंजैहली अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस हादसे की जांच में जुटी है। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने हादसे की पुष्टि की है।
अब तक 184 मौतें, हजारों करोड़ की चपत
20 जून से शुरू हुए मानसून सीजन में अब तक हिमाचल प्रदेश में 184 लोगों की मौत हो चुकी है और 36 लोग अब भी लापता हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 37 मौतें हुई हैं, इसके बाद कांगड़ा में 30, कुल्लू में 18, चंबा और शिमला में 17-17, सोलन में 12, हमीरपुर, किन्नौर और ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 5 मौतें दर्ज की गई हैं।
प्रदेश में 28 बादल फटने, 53 फ्लैश फ्लड और 47 भूस्खलन की घटनाएं भी हो चुकी हैं। अकेले मंडी जिले में 16 बादल फटने, 12 भूस्खलन और 11 फ्लैश फ्लड के मामले सामने आए हैं।
1649 घरों को नुकसान, 457 पूरी तरह ढहे
भारी बारिश से अब तक प्रदेश में 1649 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 457 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं। मंडी जिले में 1089 घरों को नुकसान हुआ, जिनमें 391 घर पूरी तरह गिर गए हैं। इसके अलावा प्रदेश में 296 दुकानें और 1483 गौशालाएं भी प्रभावित हुई हैं। इस मानसून में 1536 मवेशी और 21520 पोल्ट्री पक्षी भी मारे गए हैं।
प्रदेश को अब तक करीब 1714 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। इसमें सबसे ज्यादा 888 करोड़ रुपये का नुकसान लोक निर्माण विभाग को और 580 करोड़ रुपये का नुकसान जल शक्ति विभाग को हुआ है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा