राजकीय विद्यालयों में बढ़ा विश्वास, प्रवेशोत्सव में बढ़ी नामांकन की संख्या
Madan Dilawar


जयपुर, 3 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश में भारी बारिश और विद्यालयों में हुई दुर्घटनाओं के बावजूद भी आमजन का राजकीय विद्यालयों पर विश्वास बना हुआ है, प्रदेश में नामांकन में हुई बढ़ोतरी कुछ यही बता रही है। प्रवेशोत्सव के दौरान विगत वर्ष में 5 लाख 97 हजार से अधिक नामांकन हुआ था, जो इस वर्ष बढ़कर दोगुने से अधिक यानी 12 लाख 27 हजार के पार पहुंच गया है। नामांकन में इस वृद्धि के कई कारक माने जा रहे हैं। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परीक्षा परिणाम में आया सुधार, परख सर्वेक्षण में राष्ट्रीय औसत से अधिक प्रदर्शन इसके परिचायक हैं, वहीं स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब जैसी सुविधाएं विद्यालयों में मौजूद हैं।

पिछले साल 15 मई से 31 जुलाई के बीच राजकीय विद्यालयों में 5 लाख 97 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था। यह आंकड़ा इस बार दोगुना बढ़ गया है। इस बार 16 मई से 31 जुलाई के बीच राजकीय विद्यालयों में 12 लाख 01 हजार से अधिक विद्यार्थी प्रवेश प्राप्त कर चुके हैं। नामांकन में सर्वाधिक नामांकन वाले पांच जिलों में उदयपुर, भीलवाड़ा, जयपुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर का नाम सबसे ऊपर है।

इनमें उदयपुर में 57,596, भीलवाड़ा में 56,285, जयपुर में 53,530, बांसवाड़ा में 52,958 और बाड़मेर में 51,225 विद्यार्थियों ने नामांकन करवाया है। जहां तक बात छात्र-छात्राओं के नामांकन की है, उसमें छात्रों की नामांकन संख्या 6,06,664 और छात्राओं की नामांकन संख्या 5,95,215 हुई है।

पिछले दिनों शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं कि प्रदेश ने कई मामलों में राष्ट्रीय औसत से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। यह सर्वे कक्षा 3, 6 और 9 के विद्यार्थियों के हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान विषयों में पठन-पाठन क्षमता और समझ को परखने के लिए किया गया था। कक्षा तीन के भाषायी ज्ञान में राजस्थान का औसत 70% रहा, जो राष्ट्रीय औसत यानी 64% से बेहतर रहा। इसी तरह गणित में राजस्थान का औसत 66%, जबकि राष्ट्रीय औसत 60% रहा। कमोबेश यही स्थिति कक्षा 6 के नतीजों व कक्षा 9 के नतीजों में भी रही। शहरी के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों ने बेहतर प्रदर्शन किया। खास तौर पर बालिकाओं ने बेहतर अंक हासिल किए।

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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल