गुरुग्राम: राजनीतिक एवं जियोपॉलिटिकल दबाव बनाने का प्रयास है टैरिफ व अतिरिक्त पेनल्टी: विनोद बापना
सीआईआई गुरुग्राम जोन के चेयरमैन विनोद बापना।


-भारत को अपनी आत्मनिर्भरता व वैश्विक व्यापार में स्थिति को और मजबूत करने के लिए प्रेरित करेगा टैरिफ

-अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर टैरिफ लगाने पर सीआईआई चेयरमैन ने दी प्रतिक्रिया

गुरुग्राम, 3 अगस्त (हि.स.)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25 प्रतिशत का टैरिफ और अतिरिक्त पेनल्टी लगाने के हालिया कदम पर सीआईआई गुरुग्राम जोन के चेयरमैन व कैपेरो मारुति के सीईओ विनोद बापना ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह कदम भारत की मजबूत और आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था को दीर्घकालिक रूप से कमजोर नहीं कर पाएगा।

विनोद बापना ने इस कदम को राजनीतिक और जियोपॉलिटिकल दबाव बनाने का एक प्रयास बताया।

उन्होंने कहा कि अमेरिका के इस तरह के एक तरफा निर्णय भारत के बढ़ते आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए हैं, लेकिन यह भारत को अपनी आत्मनिर्भरता और वैश्विक व्यापार में अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था की नींव इतनी मजबूत है कि ऐसे बाहरी झटकों का सामना कर सकती है। विनोद बापना के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ उसका विविधतापूर्ण निर्यात बाजार और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र है। उन्होंने कहा भारत सिर्फ एक या दो देशों पर निर्भर नहीं है। हमारा निर्यात बाजार बहुत विविध है, जो हमें इस तरह के टैरिफ से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करता है।

बापना ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र भारत के कुल निर्यात में एक बड़ा हिस्सा रखता है, नवाचार और लचीलेपन का प्रतीक है। यह टैरिफ के अनुकूल खुद को ढाल सकता है।

बापना ने सुझाव दिया कि भारत को इस अवसर का उपयोग करते हुए अपने अन्य व्यापारिक साझेदारों के साथ संबंधों को और मजबूत करना चाहिए और नए बाजारों की तलाश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में फार्मास्युटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, टैक्सटाईल्स, रत्न और आभूषण में मजबूत प्रतिस्पर्धात्मकता है। फॉर्मा और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों को पहले भी अमेरिकी टैरिफ से छूट मिलती है और अन्य सेक्टर नए बाजारों की तलाश और लागत समायोजन के जरिए एक चुनौती का मुकाबला करने में सक्षम है। ऑटोमोबाईल, ऑटो पाट्र्स, टैक्सटाईल्स और जेम्स-ज्वैलरी जैसे सैक्टरों में अस्थायी झटका लग सकता है, लेकिन इसका भारत की दीर्घकालीन आर्थिक मजबूती पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं पड़ेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर