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ग्रामीणों को बाजार आने-जाने में हो रही भारी परेशानी, कई जगहों पर नाव भी नहीं
मीरजापुर, 3 अगस्त (हि.स.)। चुनार नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में गंगा नदी की बढ़ती बाढ़ का कहर लगातार जारी है। जलस्तर बढ़ने के कारण खेत-खलिहान जलमग्न हो चुके हैं, जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। साथ ही, पशुओं के चारे की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। अब बाढ़ का पानी गांवों और मोहल्लों तक पहुंच गया है, जिससे संपर्क मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है।
विकासखंड सीखड़ और नरायनपुर क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक गांव गंगा की बाढ़ से पूरी तरह घिर गए हैं। सीखड़ क्षेत्र के हासीपुर, गौरैया, घमही, रामगढ़, धन्नुपुर, पसियाही, विदापुर, पिपराही, खैरा, फुलहा, प्रेमापुरा, छितकपूर, भगीरथपुर आदि गांवों का आपसी संपर्क और राजमार्ग 74 से संपर्क टूट गया है। इसके चलते ग्रामीणों को बाजार, दवा और अन्य जरूरी कामों के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
धन्नूपुर के ग्रामीणों का कहना है कि यहां अभी तक नाव की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे लोगों को कमर से ऊपर पानी में जान जोखिम में डालकर रास्ता पार करना पड़ रहा है। कई ग्रामीण रोजमर्रा की जरूरतों के लिए बाजार नहीं जा पा रहे हैं।
चुनार नगर में पक्का पुल से रेलवे स्टेशन जाने वाले मुख्य मार्ग पर बालूघाट किला मोड़ के पास सड़क पर पानी भर जाने से आवागमन ठप हो गया है। कीर्ति राम बिंद की दुकान के सामने सड़क जलमग्न हो गई है। इसी तरह, तहसील चुनार से जलालपुर माफी, नकहरा, रैपुरिया, बगही, गांगपुर, समसपुर, लल्ली का मड़ई आदि गांवों के संपर्क मार्ग पर भी बाढ़ का पानी भर गया है। इन इलाकों में केवल दो नाव की व्यवस्था की गई है, जिनके सहारे ग्रामीण बाजार आने-जाने को मजबूर हैं।
प्रशासन से नाव और राहत सामग्री की मांग
ग्रामीणों ने प्रशासन से अपील की है कि तत्काल नाव की संख्या बढ़ाई जाए और राहत सामग्री पहुंचाई जाए, ताकि ग्रामीणों को राहत मिल सके। यदि जल्द कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा