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जयपुर, 3 अगस्त (हि.स.)। सर्वत्र खुशहाली की कामना के साथ श्रावण मास में हरि ओम जन सेवा समिति राजस्थान की ओर से 17वां 251 पार्थिव शिवलिंग महारुद्राभिषेक का आयोजन सीकर रोड विजयबाड़ी पथ नंबर सात में श्री भवानी निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय में संपन्न हुआ। इस महाअनुष्ठान में 251 जोड़े पार्थिव शिवलिंग का विभिन्न द्रव्यों से अभिषेक किए। रुद्राभिषेक से ग्रहों की बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं।
आचार्य श्याम शरण महाराज के मार्गदर्शन में तथा पडितों के नेतृत्व में विधिपूर्वक रुद्राभिषेक अनुष्ठान किया गया।आचार्यों ने बताया कि रुद्राभिषेक करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और आरोग्य मिलता है। इसके अलावा ग्रहों की बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं। रुद्राभिषेक करने से जातक के सभी रोग, दोष और भय दूर होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि पार्थिव शिवलिंग पूजन सावन माह में विशेष फलदायी माना जाता है। जो समस्त दोषों का नाश करता है और मनोकामना पूर्ण करता है।
समिति के प्रदेश अध्यक्ष पंकज गोयल और महासचिव सरदार रणजीत सिंह ने बताया कि पार्थिव शिवलिंग नदी की मिट्टी से बनाए गए। वेद मंत्रों के साथ विधिवत रुद्राभिषेक किया गया। सभी शिवलिंगों का समिति द्वारा विधिपूर्वक यमुना नदी, मथुरा में विसर्जन किया जाएगा। समिति के जयपुर शहर अध्यक्ष सुरेश जांगिड़ और प्रवक्ता सुनील शर्मा ने बताया कि सुबह श्री श्याम मंदिर, विजयवाड़ी से भवानी निकेतन स्कूल तक शिव शोभायात्रा भी निकाली गई। जिसमें शिवपार्वती माता बग्गी में अघोरी और भूतों के साथ नाचते गाते हुए चले।
समिति कोषाध्यक्ष महेश शर्मा और सूर्य प्रकाश जोशी ने बताया कि शिव जोड़े पार्थिव शिवलिंगों को कार्यक्रम में शिव पार्वती,राधा कृष्ण एवं सुदामा की झांकियां विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
महारुद्राभिषेक समिति के संरक्षक और संस्थापक राजेन्द्र सदानंद महाराज , विधायक बालमुकुंदाचार्य महाराज के सानिध्य में संपन्न हुआ । 1100 दीपों के द्वारा भगवान की महाआरती भी की गई।
रुद्राभिषेक पूजा में 251 किलो गाय माता का दूध,251 किलो गन्ना रस,51 किलो चावल,11000 बिल पत्र, भांग, धतूरा, रोली, मोली ,सुपारी, इलायची, नागर पान ,काली मिर्च ,सिंदूर, कपूर ,पीली सरसों ,अबीर ,गुलाल ,जनेऊ , पतासा, गुड ,अगरबत्ती, नारियल, इत्र, दही, शहद, घी, चीनी ,बुरा, गंगा जल, दूर्वा, पुष्प,फल, गेहूं, मूंग, मिठाई ,काजू, बादाम ,किशमिश ,अखरोट ,गुलाब जल ,मेहंदी, कुमकुम, काजल आदि सैंकड़ों पूजन सामग्री से भोले नाथ की भव्य पूजा की गई ।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश