जयपुर में सभी सेक्टर सड़कों का होगा डिमार्केशन, जेडीए ने शुरू की तैयारी
जेडीए


जयपुर, 3 अगस्त (हि.स.)। आमजन की परेशानी और भ्रम को दूर करने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) अब राजधानी की सभी सेक्टर सड़कों का डिमार्केशन करवाएगा। इसके लिए जेडीए ने आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं। डिमार्केशन होने के बाद लोगों को यह जानने के लिए जेडीए के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे कि उनका भूखंड या दुकान किसी सेक्टर रोड में तो नहीं आ रहा है।

जेडीए ने सेक्टर सड़कों को दो श्रेणियों—‘ए’ और ‘बी’—में वर्गीकृत किया है। ‘ए’ श्रेणी में वे सड़के शामिल हैं जहां मिसिंग लिंक है, जबकि ‘बी’ श्रेणी में वे सड़कें हैं जिनका निर्माण किया जाना है। शहर में करीब दो दर्जन से अधिक सेक्टर सड़कें हैं, जिनमें सबसे ज्यादा पीआरएन, जोन 11, 12 और 14 में स्थित हैं। इसके अलावा जोन 9, 10 और 13 में भी कई मिसिंग लिंक और सेक्टर रोड चिन्हित की गई हैं।

जेडीए इन सेक्टर सड़कों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है ताकि वे सड़कें, जो किसी कानूनी विवाद में फंसी हुई हैं या जिनका रिकॉर्ड अस्पष्ट है, उनका डिमार्केशन करके स्थिति स्पष्ट की जा सके। इससे कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मुख्य सड़कों से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और ट्रैफिक जाम से राहत भी मिलेगी। हालांकि, कई जोनों में सेक्टर सड़कों का खसरा सुपरइम्पोज ही नहीं हुआ है, जिससे वास्तविक मौके की जानकारी नहीं मिल पाती। कई जगहों पर प्राइवेट कॉलोनाइज़र और हाउसिंग सोसाइटियों ने सेक्टर रोड पर ही भूखंड काट दिए और आबादी बसा दी। अब नगरीय विकास विभाग (यूडीएच) मास्टर प्लान में दर्शाई गई सभी सेक्टर सड़कों की प्रगति की मॉनिटरिंग करेगा। इस संबंध में जेडीए से जानकारी भी मांगी गई है। शुरुआती जानकारी में सामने आया है कि केवल कुछ जोनों में ही सेक्टर रोड का काम नियोजित तरीके से हुआ है।

हाल ही में जेडीए ने सेक्टर रोड पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए करीब 9 किलोमीटर लंबे दो मुख्य मार्गों से अतिक्रमण हटाया। न्यू सांगानेर रोड पर मेट्रो स्टेशन से सांगानेर रेलवे ओवरब्रिज तक 6.5 किमी हिस्से को 200 फीट चौड़ा करने के लिए 650 निर्माण हटाए गए, जबकि हीरापथ से वंदेमातरम सर्किल तक 2.5 किमी क्षेत्र में 220 निर्माण ध्वस्त किए गए। इन दोनों सड़कों के विकास पर जेडीए करीब 20 करोड़ रुपए खर्च करेगा, जिसमें ड्रेनेज सिस्टम और ग्रीन बेल्ट शामिल हैं। इससे मानसरोवर इंडस्ट्रियल एरिया से मेट्रो स्टेशन तक जाम की समस्या से राहत मिलेगी।

गौरतलब है कि सांगानेर रोड की चौड़ाई को लेकर 2006 में 260 फीट की योजना बनी थी, जिसे बाद में 200 फीट कर दिया गया। लंबे समय तक अतिक्रमण के चलते सड़क की चौड़ाई केवल 160 फीट रह गई थी और इसमें भी बीआरटीएस कॉरिडोर 100 फीट में बना हुआ था। हाईकोर्ट ने 2021 में अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते कार्रवाई टलती रही। अब जेडीए ने इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए शहर के ट्रैफिक और विकास से जुड़े मामलों को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश