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- बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए उतरे समाजसेवी, करवाया भोजन
औरैया, 03 अगस्त (हि. स.)। यमुना नदी का जलस्तर शुक्रवार रात से घटने लगा है। मगर बीहड़ पट्टी के छह गांवों के लोगों की समस्या अभी कम नहीं हुई है। बाढ़ के पानी से इन गांवों के कुल 1003 घरों में से 212 घर बाढ़ से प्रभावित हैं। इधर समाजसेवियों ने भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए हाथ बढ़ाने शुरू कर दिए है।
जिले में पर यमुना नदी का जलस्तर 117.43 मीटर मापा गया था। देर रात से नदी का जलस्तर कम होना शुरू हो गया है। प्रशासन की ओर से शनिवार को कराई गई माप में नदी का जलस्तर 116.96 मीटर पर रहा। हालांकि यमुना नदी अभी खतरे के निशान 113 मीटर से 3.96 मीटर ऊपर बह रही है। नदी के पानी ने अभी लोगों के घरों को नहीं छोड़ा है। सबसे ज्यादा स्थिति बीहड़ पट्टी के गांव फरिहा की दयनीय है। गांव के बीचों-बीच पानी भरने से पूरा गांव तीन हिस्सों में बंट गया है। इसमें से एक हिस्सा तो बाढ़ की जद से बाहर है मगर दो हिस्से बाढ़ से प्रभावित हैं।
रविवार की सुबह ततारपुर निवासी विक्रम फौजी व राजपाल ने बड़ी गूंज में बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था करवाई। वहीं राज्यसभा सदस्य गीता शाक्य, सदर विधायक गुड़िया कठेरिया ने बाढ़ प्रभावित गांव फरिहा का निरीक्षण किया। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं। साथ ही उनके निराकरण के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए।
एसडीएम अजीतमल निखिल राजपूत ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। इसके साथ ही राजस्व टीमें बाढ़ प्रभावित परिवारों का सर्वे भी कर रहीं हैं। बाढ़ से अयाना क्षेत्र के बीहड़ के गांव जुहीखा के 204 घरों में से 26, असेवा के 236 घरों में छह, फरिहा के 158 घरों में से 100, बीझलपुर के 252 घरों में से 34 व बड़ी गूंज के 44 घरों में 26 घर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। सभी पीड़ितों को सुरक्षित स्थान पर ठहराया गया है। साथ ही उन्हें बाढ़ राहत सामग्री भी वितरित की जा चुकी है। गांवों में अभी भी सर्वे जारी है प्रशासन प्रत्येक बाढ़ पीड़ित तक मदद पहुंचाने का प्रयास कर रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार