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जोधपुर, 28 अगस्त (हि.स.)। जेएनवीयू के थिएटर सेल द्वारा आज आयोजित एक दिवसीय विशेष कैप्सूल सत्र में रंगमंचीय अभिनय में मंचीय प्रकाश की भूमिका पर गहन चर्चा हुई। इस सत्र का संचालन उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ युवा पुरस्कार से सम्मानित ख्याति प्राप्त रंगकर्मी गगन मिश्रा ने किया। सत्र की शुरुआत फिजिकल एक्सरसाइज़ से हुई, ताकि सभी प्रतिभागियों में सक्रियता और ऊर्जा का संचार हो।
गगन मिश्रा ने थिएटर लाइटिंग की परिभाषा, महत्व, वर्गीकरण, वितरण और ऑपरेटिंग तकनीक पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अत्याधुनिक उपकरणों और आधुनिक शिक्षण विधियों का उपयोग करते हुए प्रैक्टिकल थिएटर लाइट्स एवं कंसोल कंट्रोलिंग का प्रदर्शन किया, जिससे प्रतिभागियों ने प्रत्यक्ष अनुभव के साथ मंचीय प्रकाश की बारीकियों को समझा। मिश्रा ने बताया कि प्रकाश केवल मंच को रोशन नहीं करता, बल्कि दृश्य की संरचना, भावनाओं की अभिव्यक्ति, चरित्र की गहराई और वस्तुओं के भिन्न आयामों को परिभाषित करता है। विभिन्न कलर टोन और लाइटिंग पैटर्न्स के माध्यम से दर्शकों की संवेदनाओं को प्रभावित करने की प्रक्रिया को अत्यंत रोचक और प्रभावी ढंग से समझाया गया।
थिएटर सेल के निदेशक डॉ. हितेंद्र गोयल ने गगन मिश्रा का हार्दिक स्वागत करते हुए उनका परिचय कराया। उन्होंने अपने उद्बोधन में रंगमंच पर रंगों और प्रकाश के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी भी नाटक की संकल्पना से लेकर अंतिम मंचन तक, प्रकाश कहानी कहने की आत्मा बन जाता है। यह सत्र प्रतिभागियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक, ज्ञानवर्धक और व्यावहारिक अनुभव से परिपूर्ण रहा, जिसने मंचीय प्रकाश और अभिनय के मध्य गहरे संबंध को समझने का एक अनोखा अवसर प्रदान किया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश