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जयपुर, 27 अगस्त (हि.स.)। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी ऋषि पंचमी के रूप में गुरूवार काे मनाई जाएगी। जल स्त्रोत के किनारे सप्त ऋषियों की पूजा कर जाने-अनजाने में की गई गलतियों की क्षमा याचना की जाएगी। पूजा- अर्चना के बाद श्रावणी कर्म किया जाएगा। ज्ञात-अज्ञात पापों की निवृत्ति के लिए हेमाद्री संकल्प कर दशविध स्नान किया जाएगा। इसके बाद मुनि वशिष्ठ, कश्यप, विश्वामित्र, अत्रि, जमदग्नि, गौतम और भारद्वाज सप्त ऋषियों का आह्वान कर पुरानी जनेऊ उतार कर नया जनेऊ धारण किया जाएगा।
ऋषि पंचमी को माहेश्वरी, पारीक, दाधीच, हरियाणा गौड़ ब्राह्मण श्रीमाली समाज रक्षाबंधन का पर्व मनाएगा। बहने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करते हुए राखी बांधेगी। ऋषि पंचमी पर अखिल भारतीय हरियाणा गौड़ ब्राह्मण महासभा जयपुर तहसील की ओर से चांदनी चौक स्थित ब्रज निधि मंदिर से शोभायात्रा और कलश यात्रा निकाली जाएगी। गाजे बाजे के साथ शोभायात्रा बड़ी चौपड़ होते हुए रामगंज के धाभाई का खुर्रा स्थित चतुर्भुज जी मंदिर पहुंचेगी। यहां हारित ऋषि का पूजन किया जाएगा।
ऋषि पंचमी पर आस्था सांस्कृतिक संस्था, सरस्वती प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान एवं मंदिर श्री रघुनाथ जी के तत्वावधान में महंत हरिशंकर दास महाराज के सानिध्य में ढहर का बालाजी स्थित सियाराम बाबा की बगीची में सुबह 9 बजे उपनयन संस्कार कराया जाएगा। गणेश स्मरण, जलाशय कर्म, दशविध स्नान, ऋषि तर्पण, हेमाद्रि संकल्प, ऋषि अर्चन के बाद नूतन यज्ञोपवीत धारण कराया जाएगा। ब्राह्मण बालकों का नि:शुल्क उपनयन संस्कार कराया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश