रामदेवरा में 641वां भादवा मेला शुरू, लाखों श्रद्धालु पहुंचे
जैसलमेर, 25 अगस्त (हि.स.)। धार्मिक नगरी रामदेवरा में सोमवार को 641वें भादवा मेले का शुभारंभ विधिवत रूप से हुआ। भादवा शुक्ल पक्ष की दूज पर सुबह 3 बजे ब्रह्ममुहूर्त में बाबा रामदेव की समाधि पर मंगला आरती और स्वर्ण मुकुट प्रतिष्ठापन के साथ मेले की शुरुआ
बाबा रामदेव मेला।


जैसलमेर, 25 अगस्त (हि.स.)। धार्मिक नगरी रामदेवरा में सोमवार को 641वें भादवा मेले का शुभारंभ विधिवत रूप से हुआ। भादवा शुक्ल पक्ष की दूज पर सुबह 3 बजे ब्रह्ममुहूर्त में बाबा रामदेव की समाधि पर मंगला आरती और स्वर्ण मुकुट प्रतिष्ठापन के साथ मेले की शुरुआत की गई। यह आयोजन 7 सितंबर तक चलेगा, जिसमें देशभर से करीब 60 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

समाधि परिसर में आयोजित अभिषेक और पूजा-अर्चना में रामदेवरा गादीपति राव भोमसिंह तंवर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर फरसा राम, जैसलमेर एसपी अभिषेक शिवहरे, मेलाधिकारी एवं एसडीएम लाखाराम, एएसपी प्रवीण कुमार और सरपंच समंदर सिंह सहित अनेक प्रशासनिक व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

रविवार शाम से ही श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा था और सोमवार तड़के समाधि के पट खुलते ही “जय बाबा रामदेव” के जयकारों के बीच दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ गई। अनुमान लगाया जा रहा है कि केवल दूज के दिन ही लाखों भक्त समाधि के दर्शन करेंगे। हालांकि सुबह अभिषेक आरती के समय भीड़ नियंत्रित करने में मुश्किलें आईं। श्रद्धालु जिगजैग लाइनों को फांदकर अंदर घुसने लगे, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को गिरते-पड़ते देखा गया।

मेले में भक्त अपनी-अपनी आस्था के अनूठे रूप लेकर पहुंचे हैं। पुष्कर से आए जीवन राम माली ने समाधि को 20 से अधिक किस्मों के फूलों से सजाया, जिनमें कई फूल विदेशों से मंगाए गए। वे 2013 से लगातार धनतेरस, दीपावली, नवरात्रि और भादवा मेले पर समाधि को सजाते आ रहे हैं। वहीं, गुजरात से श्रद्धालु 700 किलोमीटर पैदल यात्रा कर 551 फीट लंबी ध्वजा लेकर पहुंचे। जोधपुर के बिलाड़ा से आए युवाओं के जत्थे ने 7 फीट ऊंचे घोड़े को कंधों पर उठाकर रामदेवरा पहुंचने की अनूठी परंपरा निभाई। इस विशाल मेले में सफाई व्यवस्था के लिए पंजाब के फजिल्का से आए 280 सेवादार लगातार सेवा कर रहे हैं। इनके प्रभारी अनिल ने बताया कि वे पिछले 12 वर्षों से यहां सेवा देते आ रहे हैं। सफाई का कार्य दिन में तीन बार किया जा रहा है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं की बराबर भागीदारी है। बुजुर्ग महिलाओं को रामसरोवर पर, जबकि युवा सेवादारों को लाइनों और मुख्य मार्गों पर तैनात किया गया है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अखिल