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'जॉली एलएलबी 3' रिलीज़ के बेहद करीब है और फैन्स के एक्साइटमेंट का लेवल आसमान छू रहा है। लेकिन नई जंग शुरू होने से पहले क्यों ना एक बार पुराने दोनों पार्ट्स को याद कर लिया जाए? ये फ्रैंचाइज़ी सिर्फ़ कोर्टरूम ड्रामा नहीं रही, बल्कि इसमें ह्यूमर, सटायर और समाज की कड़वी सच्चाइयों का ऐसा तड़का लगा, जिसने इसे बॉलीवुड की सबसे अनोखी सीरीज़ बना दिया। तो चलिए देखते हैं वो 5 बातें, जिन्होंने जॉली एलएलबी को हमेशा के लिए यादगार बना दिया।
सटायर + ह्यूमर का जबरदस्त कॉम्बिनेशन
फ्रैंचाइज़ी की सबसे बड़ी यूएसपी रही है इसकी तीखी डायलॉगबाज़ी और पंचलाइन। कोर्टरूम के बीच छिड़ी बहसें जब मज़ाक में बदल जातीं, तो दर्शक हंसते-हंसते लोटपोट हो जाते। यहीं 'जॉली एलएलबी' ने साबित किया कि स्मार्ट कॉमेडी भी समाज की गहरी बातें कह सकती है।
नाइंसाफी से जंग, हर हाल में
चाहे 'जॉली एलएलबी' में अरशद वारसी का जॉली बमन ईरानी जैसे दिग्गज वकील से भिड़े, या फिर 'जॉली एलएलबी 2' में अक्षय कुमार का जॉली निजी दुख झेलने के बाद भी न्याय की लड़ाई लड़े, दोनों कहानियों ने हमें असली अंडरडॉग हीरो दिया, जिसके लिए तालियाँ अपने आप बज उठीं।
जज त्रिपाठी, अफरा-तफरी का बैलेंस
सौरभ शुक्ला का किरदार जज त्रिपाठी दोनों फिल्मों की रीढ़ की हड्डी रहा। उनका डेडपैन ह्यूमर, सटीक टाइमिंग और अफरा-तफरी के बीच संतुलन ने उन्हें दर्शकों का फेवरेट बना दिया। उनके कई सीन आज भी कल्ट स्टेटस पा चुके हैं।
आइकॉनिक कोर्टरूम मोमेंट्स
चौंकाने वाले ट्विस्ट, तगड़ी बहसें और अचानक से कॉमिक रिलीफ़, इन फिल्मों ने कोर्टरूम को एक नए लेवल पर पहुंचा दिया। ये वो सीन थे, जिन्हें देखकर हर किसी को लगा कि कोर्ट भी एंटरटेनमेंट का अखाड़ा बन सकता है।
दो जॉली का आमना-सामना
और अब बारी है 'जॉली एलएलबी 3' की सबसे बड़ी हाईलाइट की, पहली बार अरशद वारसी का जॉली त्यागी और अक्षय कुमार का जॉली मिश्रा आमने-सामने होंगे। दोनों की अलग सोच और अलग अंदाज़, कोर्टरूम में सबसे बड़ा ड्रामा लेकर आएंगे।
इस धमाकेदार फिल्म को लिखा और डायरेक्ट किया है सुभाष कपूर ने। 19 सितंबर को रिलीज़ हो रही जॉली एलएलबी 3 और इस बार कोर्टरूम में जो महाभारत छिड़ेगी, वो बॉलीवुड के इतिहास में सबसे बड़ी कानूनी जंग कहलाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश चंद्र दुबे